MP कांग्रेस के नए कैप्टन पर सस्पेंस बरकरार, पिता और दादी की राह पर चल ज्योतिरादित्य बदल देंगे प्रदेश की सियासत?
नई दिल्ली। कांग्रेस में कलह जारी है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में आईं उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के अंदर की गुटबाजी को वजह बताया है। लेकिन यह गुटबाजी सिर्फ मुंबई तक ही सीमित नहीं है। मध्य प्रदेश से खबर आई ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा। चार बजे की मुलाकात थी। ऐन मौके पर टल गई। कमलनाथ मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री हैं साथ में प्रदेश में कांग्रेस के पार्टी अध्यक्ष भी हैं। इस कुर्सी पर सिंधिया की नजर बताई जाती है। इसलिए अभी तक प्रदेश स्तर के नेता बयान दे रहे थे। अब सिंधिया सीधे अपने लिए बैटिंग कर रहे हैं। खबर ये भी है कि मामला अनुशासन समिति तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के नए कैप्टन को लेकर आलाकमान अब भी कशमकश में है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात फिलहाल टल गई है। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने नए कप्तान के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा। हालांकि सोनिया से 12 सितंबर को सिंधिया की मुलाकात होगी। लेकिन इसमें सिर्फ ज्योतिरादित्य ही नहीं होंगे बल्कि वो लोग भी शामिल रहेंगे जो सिंधिया को चैलेंज कर रहे हैं। सोनिया दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के साथ 12 सितंबर को मुलाकात करेंगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर विवाद के बाद ज्योतिरादित्य और सोनिया के बीच मुलाकात होनी थी। कयास लगे थे कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अध्यक्ष पद को लेकर सोनिया गांधी से बात होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए उनके समर्थक भी दबाव बनाए हुए हैं। जबकि दूसरी ओर दिग्विजय सिंह गुट भी हावी है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अंदरूनी गुटबाजी की जांच का जिम्मा एके एंटनी को सौंपा है। एंटनी की अध्यक्षता वाला पैनल जल्द ही सोनिया को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। ऐसे में सिंधिया के साथ सोनिया की मुलाकात टलने के पीछे की वजह इस आने वाली रिपोर्ट को भी बताया जा रहा है। सिंधिया ने मीडिया से चर्चा में सिर्फ इतना ही कहा कि मुझे महाराष्ट्र चुनाव के लिए हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में शामिल होना था। मैंने पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए अलग से कोई समय नहीं मांगा था। ऐसे में यह खबर गलत है कि मुलाकात स्थगित हुई है, उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर है।