मिलों के लिए चीनी की दर तय
सरकार ने चीनी मिलों के लिये एक्स-मिल चीनी मूल्य 29 रुपये प्रति किलो निर्धारित करने के साथ-साथ मिलों में मासिक चीनी स्टॉक रखने की सीमा तय करने के अपने फैसले को अधिसूचित कर दिया। सरकार का यह कदम नकदी संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग को गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान में मदद देने के प्रयास के तहत उठाया गया है। किसानों का चीनी मिलों पर यह बकाया 22,000 करोड़ रुपये से ऊपर निकल गया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इन फैसलों को मंजूरी दी थी। खाद्य मंत्रालय ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य निर्धारित करने की दिशा में खुद को सशक्त बनाने के उद्देश्य से चीनी मूल्य (नियंत्रण) आदेश , 2018 को अधिसूचित किया। चीनी कीमत तय करते समय केंद्र सरकार गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी), चीनी उत्पादन की लागत तथा इसके सह-उत्पादों से होने वाले मुनाफे को ध्यान में रखा जायेगा।
यह आदेश सरकार को रिकॉर्ड का निरीक्षण करने , कारखानों में प्रवेश करने और जांच करने तथा स्टॉक जब्त करने का अधिकार देता है। चीनी मिलों के लिये एक्स-मिल बिक्री मूल्य 29 रुपये प्रति किलो तय करने के लिए एक अलग अधिसूचना जारी की गई। केंद्र ने चीनी का बफर स्टॉक बनाकर, इथेनॉल उत्पादन क्षमता में वृद्धि और मिलों के नुकसान में कमी लाने के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य तय करके उनकी आय बढ़ाने के लिए 8,500 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया। सितंबर में समाप्त हो रहे चीनी सत्र 2017-18 में 2.57 करोड़ टन की घरेलू मांग के मुकाबले चीनी का 3.15 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है, जिसके कारण चीनी की कीमत उत्पादन लागत से कहीं कम हो गई। इससे चीनी मिलों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने इसके लिए ही चीनी मिलों को आर्थिक पैकेज दिया है।