योगी सरकार के विरोध में सड़क पर उतरे राज्य कर्मचारी

लखनऊ । प्रदेश सरकार को पांच महीने का समय देने के बाद राज्य कर्मचारियों ने अब मोर्चा खोल दिया है। मांगों पर सुनवाई न होने और शासन की ओर से सकारात्मक रुख भी न दिखाने के विरोध में कर्मचारियों ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों में काम ठप करके सड़क पर उतरने की तैयारी की है। लखनऊ में वे जीपीओ पर एकत्र होंगे और प्रदेश के बाकी जिलों में भी प्रदर्शन कर जिलाधिकारियों के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजेंगे।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदर्शन में करीब छह-सात लाख कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना जताई है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि 50 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को स्क्रीनिंग की आड़ में बदले की भावना से जबरन सेवानिवृत्त किया जा रहा है, जबकि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने को लेकर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा वेतन समिति की रिपोर्ट अब तक लागू न किए जाने, केंद्र के समान भत्ते देने को लेकर कोई फैसला न करने, कैशलेस इलाज में लगातार देर होने और कई अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलित हैं, जबकि शासन से वार्ता या समाधान के भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

परिषद अध्यक्ष सुरेश रावत ने बताया कि बुधवार को प्रदर्शन में रोडवेज, वन, सिंचाई, राजस्व व स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र व संयोजक सतीश पांडेय ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है। रावत ने बताया कि मुख्य सचिव के साथ परिषद की पूर्व में हुई बैठक में कई मांगों को लेकर सहमति बनी थी लेकिन, इसे लागू न किए जाने से कर्मचारियों में नाराजगी है। अध्यक्ष ने बताया कि नियमित पदों पर भर्ती की बजाए आउटसोर्सिंग से काम कराने और इन कार्मिकों का भी शोषण किए जाने को भी आंदोलन की मांगों में शामिल किया गया है।

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