छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या में शामिल दूसरे शख्स के रहस्य से उठ गया परदा
गुरुग्राम । रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में लगातार नाकटीय मोड़ आ रहे हैं। इस प्रकरण में जिस तरह से आराेपी अशोक ने अचानक पुलिस के समक्ष प्रकट होकर अपना जुर्म कबूल लिया, ऐसे में लोगों का संदेह होना लाजमी था।
परिजनों को लगा कि दाल में कुछ काला जरूर है। जांच टीम के तब झटका लगा, जब इस हत्या में एक और शख्स के शामिल होने की चर्चा तेज हो गई। फिलहाल एसआइटी ने जांच के बाद इस दूसरे शख्स का सच बता दिया है। जानिए एसआइटी टीम का सच क्या है।
एसआइटी ने पूरी की जांच
बता दें कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले की जांच एसआइटी ने पूरी कर ली है। तीन से चार दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। जांच के मुताबिक हत्या में केवल बस कंडक्टर अशोक ही शामिल था। इसके अलावा किसी दूसरे की किसी भी स्तर पर भूमिका नहीं है।
हत्या के पीछे बड़ी साजिश
हालांकि पीड़ित के पिता वरुणचंद ठाकुर जांच से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि बस कंडक्टर आखिर उनके बेटे को क्यों मारेगा। यदि कंडक्टर कुछ गलत भी कर रहा था तो सात साल के बच्चे को क्या समझ में आएगा। केवल आंख दिखाने पर ही बच्चा डर जाता। उसकी निर्दयता से हत्या करने की क्या आवश्यकता थी। निश्चित रूप से हत्या के पीछे कोई बड़ी साजिश है जिसकी जांच सीबीआइ से ही होनी चाहिए।
श्याम कुंज निवासी वरुणचंद ठाकुर का सात वर्षीय पुत्र प्रद्युम्न सोहना रोड गांव भोंडसी के नजदीक स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा का छात्र था। ठाकुर शुक्रवार सुबह सात बजकर 50 मिनट पर उसे स्कूल के गेट पर छोड़कर गए थे। आठ बजकर 10 मिनट पर उन्हें स्कूल से फोन किया गया कि प्रद्युम्न बाथरूम में गिर गया है। उसे सेक्टर-51 स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाएगा, आप पहुंचें। जब ठाकुर वहां पहुंचे तो जानकारी दी गई कि बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी थी।
दो से तीन मिनट में सारा घटनाक्रम
पुलिस जांच के मुताबिक प्रद्युम्न अपनी कक्षा में जाने की बजाय सीधे बाथरूम पहुंच गया था। उस समय बाथरूम में केवल बस सहायक अशोक था। वह बस के टूल बॉक्स से चाकू निकालकर धोने के लिए पहुंचा था लेकिन वहां पहुंचने के बाद वह गंदी हरकत करने लगा। इसे प्रद्युम्न ने देख लिया था।
बच्चा बाहर जाकर बता न दे, इस भय से उसने पीछे से पकड़कर उसका गला रेत दिया। पहली बार में चीख निकली लेकिन दूसरी बार जब वार किया तो आवाज बंद हो गई। इस वजह से बच्चा बाथरूम से बाहर तड़पता हुआ आया लेकिन उसकी आवाज कोई सुन नहीं सका। एक से दो मिनट बाद ही माली हरपाल बाथरूम के नजदीक पहुंचा तो उसने स्कूल प्रबंधन को सूचना दी।
शक न हो इसलिए सहायता करने लग गया था
किसी को शक न हो इसलिए आरोपी अशोक ने बच्चे को अपनी गोद में उठाकर न केवल गाड़ी तक पहुंचाया बल्कि अस्पताल तक भी गया था। इस वजह से कपड़ों में खून लगने के बाद भी किसी को शक नहीं हुआ। घटना के दिन ही जब पुलिस ने छानबीन शुरू की तो दो बच्चों ने बताया कि उन्होंने बाथरूम में बस सहायक अशोक को जाते हुए देखा था।
इसके बाद अशोक से पूछताछ की गई। वह कुछ ही देर में टूट गया और उसने सच्चाई उगल दी। उसने बताया कि वह गलत काम कर रहा था। उसे डर हुआ कि कहीं बच्चा किसी को बता न दे। उसके पास चाकू था। उसने उसे पीछे से पकड़कर गले को चाकू से रेत दिया।
इस घटना के पीछे उसके अलावा दूसरा कोई नहीं है। उससे गलती हो गई। जांच में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए इसके लिए बृहस्पतिवार को भी स्कूल के स्टाफ से पूछताछ की गई।
परिजन जांच को सही मानने के लिए तैयार नहीं
बृहस्पतिवार को एक बार फिर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह श्यामकुंज में प्रद्युम्न के परिजनों से मिलने के लिए पहुंचे। मंत्री से वरुणचंद ठाकुर ने कहा कि दो से तीन मिनट के भीतर हत्या का होना यह दर्शाता है कि किसी प्लानिंग के तहत वारदात को अंजाम दिया गया।
उनका बेटा बैग रखने के लिए क्लासरूम में क्यों नहीं गया। यदि बाथरूम से क्लास रूम की दूरी अधिक होती तो बात समझ में आती। रिसेप्शन से अंदर जाते ही पहले क्लास रूम है। कोई न कोई बात ऐसी है जिसकी वजह से उनके बेटे की स्कूल पहुंचते ही हत्या कर दी गई।
एसआइटी की सदस्य व एसपी ने कहा कि एसआइटी की जांच के अलावा भी कई स्तर पर भी जांच की गई है। मामले में केवल अशोक ही शामिल है। इसके अलावा दूसरा कोई नहीं है। जांच पूरी हो चुकी है, जब चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी की जाएगी।