भाजपा की रणनीतिः मुखर्जी अौर पाटिल से ज्यादा वोट मिल सकते हैं कोविंद को

नई दिल्ली । रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के मास्टर स्ट्रोक के बाद भाजपा अब तीन चौथाई बहुमत से जीत की कवायद में जुट गई है। रंग भी चढ़ने लगा है। लाचार शिवसेना द्वारा कोविंद के ऐलान की घोषणा के साथ ही राजग का पूरा कुनबा दुरस्त रखने के साथ ही विपक्षी खेमे में सेंध की तस्वीर दिखने लगी है।

संभव है कोविंद को निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी ज्यादा वोट मिलें। 23 जून को नामांकन के बाद कोविंद के साथ-साथ भाजपा के कुछ मंत्री भी विभिन्न राज्यों का दौरा कर समर्थन जुटाएंगे।

पिघल गए उद्धव ठाकरे

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के नेताओं के साथ बैठक के बाद मुंबई में कोविंद को समर्थन का ऐलान कर दिया। उद्धव ने कहा कि दो दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मैंने कहा था कि राजग के उम्मीदवार का नाम तय होने के बाद हम अपने शीर्ष नेताओं से चर्चा कर समर्थन का फैसला करेंगे।

मंगलवार को हमारी बैठक में विचार किया गया कि रामनाथ कोविंद राजग के उम्मीदवार हैं। हम भी देश में चल रही राजग सरकार के घटक दल हैं। इसलिए हमने उन्हें समर्थन देने का फैसला किया है। ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि हम सिर्फ भाजपा का विरोध के लिए विरोध नहीं करेंगे। जहां भी गलत होगा, आवाज उठाते रहेंगे।

इनका भी मिला समर्थन
बीजद : ओडिशा में सत्तारू़ढ़ नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल।
वाईएसआर : आंध्र में विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस।
टीआरएस : तेलंगाना में सत्तारूढ टीआरएस।

इनके समर्थन की कोशिशें 
झामुमो : झारखंड मुक्ति मोर्चे के प्रमुख हेमंत सोरेन से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की फोन पर बात।
अन्नाद्रमुक-द्रमुक : तमिलनाडु के इन दोनों प्रमुख दलों से समर्थन जुटाने के लिए भाजपा नेता सक्रिय हैं।

कांग्रेस व अन्य विपक्ष दल कल करेंगे फैसला

सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनने की बजाए अलग प्रत्याशी उतारने की जद्दोजहद में जुटी कांग्रेस व कुछ अन्य विपक्षी दल 22 जून को बैठक कर फैसला लेंगे। भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी ने बताया कि विपक्ष निश्चित रूप से प्रत्याशी मैदान में उतारेगा। धर्मनिरपेक्ष प्रत्याशी वक्त की मांग है।

राज्यसभा सदस्य के नाते कोविंद ने यह कहा था

1.(1994 से 2006 तक दो बार रास सदस्य रहे थे) -3 मार्च 2006 को तत्कालीन कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने अदालतों की अवमानना (संशोधन) विधेयक पेश किया था। उस पर राज्यसभा में बहस चल रही थी। तक कोविंद ने कहा था, ‘यदि देश का कोई भी नागरिक गलत कामों के लिए भारत के राष्ट्रपति की आलोचना कर सकता है तो, मुझे नहीं लगता कि जजों को इससे छूट देना सही होगा। प्रत्येक नागरिक को सत्य बोलने का मूलभूत अधिकार है। यदि वह अक्षमता या भ्रष्टाचार पर बोलना चाहता है तो उसका स्वागत होना चाहिए।

2. 1996 में उन्होंने दूरदर्शन पर वयस्क व बगैर सेंसर किए प्रोग्राम दिखाने पर एतराज जताया था। इसी सवाल में उन्होंने विदेशी चैनलों के जरिए भारतीय संस्कृति पर हमले का भी मुद्दा उठाया था।

3. 1998 में कोविंद ने नोटबंदी की मांग करने के साथ ही एक हजार रुपए नोट फिर चालू करने की मांग करते हुए उस पर आंबेडकर की फोटो लगाने की मांग की थी। बिहार के राज्यपाल पद से इस्तीफा कोविंद ने मंगलवार को बिहार के राज्यपाल से इस्तीफा दे दिया। वे 23 जून को राष्ट्रपति चुनाव का पर्चा भरने के बाद देशभर में दौरे करेंगे। बिहार के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को दिया गया है।

यह है वोट का गणित
-जीत के लिए किसी प्रत्याशी को 50 फीसदी से ज्यादा वोट चाहिए।
-निर्वाचित सांसदों व विधायकों के कुल वोट का मूल्य 10,98,903 है।
-आधे वोट का मूल्य 5,49,452 है।
-भाजपा नीत राजग के पास 5,37,683 वोट हैं।
-बीजद, टीआरएस, अन्नाद्रमुक के एक धड़े का समर्थन कोविंद को मिला तो उनके वोट 8,83,578 हो जाएंगे।

मुखर्जी ने संगमा को हराया था 
-2012 के चुनाव में प्रणब मुखर्जी ने पूर्व स्पीकर स्व. पीए संगमा को 3,97,776 वोट से हराया था।
-मुखर्जी को 7,13,763 वोट मिले थे, जबकि संगमा को 3,15,987।
-2007 के चुनाव में प्रतिभा पाटिल को 6,38,116 वोट मिले थे। मुखर्जी व पाटिल दोनों कांग्रेस प्रत्याशी थे।

 

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