बॉलीवुड को ‘दीवार’ और ‘नमक हलाल’ देने वाले शशि कपूर का फिल्मी सफर
नई दिल्ली : दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड और पद्म भूषण से सम्मानित शशि कपूर ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं. अपनी मोहक मुस्कान और डॉयलॉग डिलिवरी के जुदा अंदाज के लिए मशहूर बॉलीवुड का ये सितारा हम सबको छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिए विदा हो गया है, लेकिन अपनी फिल्मों की बदौलत वो हमेशा हमारे बीच बने रहेंगे. उनके अब तक के फिल्मी सफर पर एक नजर:
शशि कपूर ने बचपन से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. 1940 के दशक में उन्होंने कई धार्मिक फिल्मों में काम किया. बाल कलाकार के रूप में उनकी सबसे यादगार फिल्में हैं ‘आग’ (1948) और ‘आवारा’ (1951). इन दोनों ही फिल्मों में उन्होंने अपने बड़े भाई राजकूपर के बचपन का किरदार निभाया.
शशि कपूर ने बतौर हीरो 1961 में यश चोपड़ा की फिल्म ‘धर्मपुत्र’ से बड़े पर्दे पर कदम रखा. इसके बाद वो करीब 100 फिल्मों में नजर आए. वो 1960, 1970 और 1980 के दशक के मशहूर अभिनेता थे. इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड को ‘वक्त’ (1965), ‘जब-जब फूल खिले’ (1965), ‘कन्यादान’ (1969), ‘हसीना मान जाएगी’ (1968), ‘आ गले लग जा’ (1973), ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974), ‘चोर मचाए शोर’ (1974), ‘दीवार’ (1975), ‘कभी-कभी’ (1976), ‘फकीर’ (1976), ‘त्रिशूल’ (1978), ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ (1978), ‘काला पत्थर’ (1979), ‘सुहाग’ (1979), ‘शान’ (1980), ‘क्रांति’ (1981) और ‘नमक हलाल’ (1982) जैसी सुपर हिट फिल्में दीं.
शशि कपूर ने अपने करियर की सबसे सफल फिल्में 1970 और 80 के दशक के दौरान अमिताभ बच्चन के साथ कीं.
शशि कपूर अपने जमाने के पहले ग्लोबल स्टार थे. वो बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में शामिल हैं जिन्होंने ब्रिटिश और अमेरिकी फिल्मों में भी काम किया. उन्होंने ‘शेक्सपीयर वल्लाह’ (1965), ‘बॉम्बे टॉकी’ (1970) और पत्नी जेनिफर केंडल के साथ ‘हीट एंड डस्ट’ (1982), ‘प्रिटी पॉली’ (1967), ‘सिद्धार्था’ (1972) और ‘सैमी एंड रोज़ी गेट लेड’ (1987) जैसी विदेशी फिल्मों में भी अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया.
शशि कपूर ने 1980 में ‘फिल्म वलास’ नाम से एक प्रोडक्शन हाउस भी खोला, जिसके तहत ‘जुनून’ (1978), ‘कलयुग’ (1981),’36 चौरंगी लेन’ (1981), ‘विजेता’ (1982) और ‘उत्सव’ (1984) जैसी क्रिटिकली एक्लेम्ड फिल्में बनाई गईं. साल 1991 में उन्होंने अपने फेवरेट कोस्टार अमिताभ बच्चन और भतीजे ऋषि कपूर के साथ ‘अजूबा’ नाम से भी एक फिल्म बनाई. शशि कपूर आखिरी बार साल 1998 में फिल्म ‘जिन्ना’ में नजर आए थे. यह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना की बायोपिक थी.