आपदा प्रबंधन पर गोष्ठी आयोजित

देहरादून, । आपदा से निपटने के लिए जनता द्वारा स्वैच्छिक कार्रवाई तथा आपदा से होने वाले नुकसान को काम करने के तरीको को सिखने के लिए उत्तराखण्ड के आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने राज्य में उच्च शिक्षा के सभी केंद्रों में समर्पित आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम शुरू करने पर विभिन्न विभागों सेआये प्रतिनिधियों के साथ आज बीजापुर स्थित अतिथि गृह में विचार विमर्श किया। आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित इस गोष्टी में ले. जनरल (रि.) सय्यद अता हसनैन, सदस्य , राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राजेंद्र सिंह, सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एसए मुरुगेशन सचिव उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) तथा विभाग के अन्य अधिकरी,  प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल , वाईस चांसलर दून यूनिवर्सिटी,  प्रोफेसर ओ पी एस नेगी , वाईस चांसलर, उत्तराखण्ड ओपन यूनिवर्सिटी, डॉ कुमकुम रौतेला, निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखण्ड सरकार और कुमाऊँ विश्वविद्यालय, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि ने भाग लिया। विभिन्न विश्वविद्यालयों आये प्रतिनिधियों ने मंत्री को बताया की उनके विश्वविद्यालयों  में अभी कोन कोन से कोर्स चल रहे हैं।  उत्तराखण्ड ओपन यूनिवर्सिटी ने आपदा प्रबंधन  में पी जी डिप्लोमा का कोर्स पहले से ही चल रहा है और कुमाऊँ विश्वविद्यालय जल्द ही डिप्लोमा और डिग्री कोर्स  शुरू करने वाला है। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद माननीय मंत्री जी  ने अधिकारियों को  निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन के कोर्स शुरू करने के लिए जल्द से जल्द सभी छात्रों के लिए अंडर ग्रेजुएट स्तर पर आपदा प्रबंधन के कोर्स शुरू एक अनिवार्य विषय के रूप में , कामकाजी पेशेवरों और उद्यमियों के लिए एक शार्ट टर्म  सर्टिफिकेट कोर्स , विश्वविद्यालयों द्वारा आपदा प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा और पीजी स्तर पर एक विषय के रूप में आपदा प्रबंधन का कोर्स शुरू किया जाय। इस गोष्टी में यह निर्णय लिया गया कि आपदा प्रबंधन विभाग काम कर रहे पेशेवरों और उद्यमियों के लिए प्रस्तावित शार्ट टर्म  सर्टिफिकेट कोर्स की पूरी लागत का खर्च वहन करेगा और  प्रतिभागियों को मानदेय प्रदान करने की संभावनाओं का भी पता लगाएगा। इसके लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ-साथ निदेशक, उच्च शिक्षा सचिव द्वारा समन्वित की जाने वाली समिति, आपदा प्रबंधन का गठन पाठ्यक्रम और प्रस्तावित पहलों के अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने के लिए  निर्देशित किया।

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