सीबीएसई स्कूलों की मान्यता के लिए और सख्त हो सकते है नियम

नई दिल्ली। सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) स्कूलों की मान्यता के नियम को सरकार अब और सख्त कर सकती है। इसकी तैयारी शुरु हो गई है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित कर दी गई है, जो सरकार को जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। इसके अलावा सीबीएसई से मान्यता लेने की प्रक्रिया को भी सरल बनाने की तैयारी है, ताकि नियमों को पूरा करने वालें स्कूलों को बगैर किसी परेशानी के ही मान्यता मिल जाए। मौजूदा समय में इसे लेकर स्कूलों को साल भर से ज्यादा की लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है।

स्कूलों की मान्यता से जुड़े सीबीएसई के जिन प्रमुख नियमों को सख्त किया जा सकता है, उनमें स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का शत-प्रतिशत प्रशिक्षित होना जरुरी होगा। यानि नए नियमों के तहत स्कूलों में सिर्फ ट्रेंड टीचर ही पढ़ा सकेंगे। इसके लिए स्कूलों को अब मान्यता से पहले प्रशिक्षित शिक्षकों का ब्यौरा देना पड़ सकता है। आरटीई के तहत वैसे भी स्कूलों को प्रशिक्षित शिक्षक रखने जरुरी है। मौजूदा समय में इन नियमों को सरकारी स्कूलों में सख्ती से लागू कराया जा रहा है, लेकिन निजी स्कूल अब तक इससे बचे हुए है। खासकर गली-मोहल्ले में खुले स्कूलों में इन नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा है।

स्कूलों में दूसरी बड़ी समस्या इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर है, जिससे सरकार अब अपना पीछा छुड़ा सकती है। स्कूलों को अब मान्यता के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पेश किए जाने वाले तमाम दस्तावेजों से छुट्टी मिल सकती है, इसके लिए उन्हें बस राज्यों की ओर से एक एनओसी देनी पड़ सकती है। फिलहाल सरकार के स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े पहलू पर राज्यों को पहले भी शामिल करने की योजना बनी थी, लेकिन यह साकार नहीं हो पायी थी।

सूत्रों की मानें तो सीबीएसई स्कूलों को सरकार ने यह पहल उस समय की है, जब इन स्कूलों को लेकर शिकायतें तेजी से बढ़ी है। इनमें स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली मोटी फीस, एनसीईआरटी किताबों को न पढ़ाने जैसे मुद्दे भी शामिल है। माना जा रहा है कि कमेटी इन मुद्दों पर भी सरकार को रिपोर्ट दे सकती है।

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