लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की वापसी बनी सिर दर्द

नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में शहरों से गांवों में अपने घरों की तरफ प्रवासी मजदूरों की वापसी की गति अब भले ही धीमी हो गई हो, लेकिन गांवों में संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है। कई शहरों व जिला अस्पतालों में जो नए मामले आ रहे हैं, उनमें शहर से गांव पहुंचे लोगों की संख्या काफी है। अब सभी जिला कलेक्टर अपने यहां गांव-गांव में लोगों का सर्वे कर रहे हैं, ताकि सही आंकड़ों से आगे आने वाली समस्या से निपटा जा सके। नए मामलों में गांवों से बढ़ी संख्या से चिंताएं बढ़ी हैं। देशभर में तेजी से बढ़ रहे संक्रमितों की संख्या को देखते हुए केंद्र भी सतर्क हो गया है। आने वाले बरसात के मौसम में समस्या ज्यादा न बढ़े, इसके प्रयास शुरू हो गए हैं। सभी जिला कलेक्टरों को अपने यहां सर्वे को तेज करने को कहा जा रहा है। दरअसल, एक बड़ी संख्या उन लोगों की रही है जो सीधे गांव पहुंच गए और एकांतवास के नियमों का पालन नहीं किया।वहीं, केंद्र सरकार का मानना है आने वालों दिनों में राज्यों, जिलों व स्थायीन निकायों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। कोविड अस्पताल के साथ साफ-सफाई व दो गज की दूरी, मास्क व हाथों को कई बार धोने व सेनेटाइज करने की आदतें बढ़ानी होंगी। प्रचार कम होने से यह धारणा बनती है कि अब असर कम हो गया है। ऐसे में व्यवहार,मानसिक परिवर्तन पर जोर देना होगा। पंचायत के साथ डॉक्टर, वकील, अध्यापक से लगातार लोगों को जागरूक करने को कहा जा रहा है।देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। गुरुवार को 9304 नए मामले सामने आए और रिकॉर्ड 260 लोगों की मौत हो गई। अब तक 217,965 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। कई राज्यों में संक्रमण फैलने की दर बेकाबू है। महाराष्ट्र-दिल्ली और हरियाणा में तो राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।

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