RBI से नोटबंदी को लेकर पूछे जा चुके हैं ये 14 सवाल, जानिए क्या मिले जवाबRBI से नोटबंदी को लेकर पूछे जा चुके हैं ये 14 सवाल, जानिए क्या मिले जवाब

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लूमबर्ग न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक से अब तक 14 सवाल पूछे हैं, लेकिन 11 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने सिर्फ 5 सवालों के जवाब दिए हैं। बाकी के 9 सवालों को या तो किसी दूसरे विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है या जवाब देने से मना कर दिया। जिन 5 सवालों के जवाब दिए हैं, उनसे यह बात साफ हुई है कि 8 नवंबर से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। आइए जानते हैं आरटीआई से पूछे गए किन सवालों पर बचता नजर आया भारतीय रिजर्व बैंक। ये भी पढ़ें- नोटबंदी पर जानकारी देने से मना करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा- किसी की जिंदगी को खतरा हो सकता है

  • जब भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया कि आखिर अब तक कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो इस पर केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अभी इस सवाल का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
  • नए नोटों की छपाई से जुड़े दो सवालों को भारतीय रिजर्व बैंक ने उन ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रिंटिंग प्रेस का काम-काज देखती हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया था कि आखिर वो कौन सी बात है, जिससे प्रेरित होकर भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी पर चर्चा की और उसे मंजूरी भी दे दी? बैंक ने जवाब में कहा आरटीआई एक्ट में ‘सूचना’ की जो परिभाषा दी गई है, यह सवाल उसके तहत नहीं आता है।
  • RBI से एक ही सवाल को 3 बार पूछा गया, जिनमें से दो बार तो एक जवाब दिया और तीसरा बार जवाब बदल गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो जवाबों में कहा- यह फैसला पूर्ण मत से पारित किया गया था। वहीं तीसरी बार में उनका जवाब आया कि यह जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • जब पूछा गया कि जिस दिन नोटबंदी की घोषणा हुई, उस दिन की शाम तक बैंकों के पास कितनी मात्रा में पुराने नोट थे तो बैंक ने यह बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी जनता को बताने वाले की जिंदगी को खतरा हो सकता है।
  • दो और सवाल हैं जिनका भारतीय रिजर्व बैंक ने जवाब देने से मना कर दिया। जब बैंक से यह पूछा गया कि नोटबंदी के लिए उन्होंने क्या तैयारियां की थीं और इसके होने वाले असर को लेकर क्या स्टडी की थीं तो बैंक ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मामला है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

Source: hindi.oneindia.com

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लूमबर्ग न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक से अब तक 14 सवाल पूछे हैं, लेकिन 11 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने सिर्फ 5 सवालों के जवाब दिए हैं। बाकी के 9 सवालों को या तो किसी दूसरे विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है या जवाब देने से मना कर दिया। जिन 5 सवालों के जवाब दिए हैं, उनसे यह बात साफ हुई है कि 8 नवंबर से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। आइए जानते हैं आरटीआई से पूछे गए किन सवालों पर बचता नजर आया भारतीय रिजर्व बैंक। ये भी पढ़ें- नोटबंदी पर जानकारी देने से मना करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा- किसी की जिंदगी को खतरा हो सकता है

  • जब भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया कि आखिर अब तक कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो इस पर केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अभी इस सवाल का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
  • नए नोटों की छपाई से जुड़े दो सवालों को भारतीय रिजर्व बैंक ने उन ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रिंटिंग प्रेस का काम-काज देखती हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया था कि आखिर वो कौन सी बात है, जिससे प्रेरित होकर भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी पर चर्चा की और उसे मंजूरी भी दे दी? बैंक ने जवाब में कहा आरटीआई एक्ट में ‘सूचना’ की जो परिभाषा दी गई है, यह सवाल उसके तहत नहीं आता है।
  • RBI से एक ही सवाल को 3 बार पूछा गया, जिनमें से दो बार तो एक जवाब दिया और तीसरा बार जवाब बदल गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो जवाबों में कहा- यह फैसला पूर्ण मत से पारित किया गया था। वहीं तीसरी बार में उनका जवाब आया कि यह जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • जब पूछा गया कि जिस दिन नोटबंदी की घोषणा हुई, उस दिन की शाम तक बैंकों के पास कितनी मात्रा में पुराने नोट थे तो बैंक ने यह बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी जनता को बताने वाले की जिंदगी को खतरा हो सकता है।
  • दो और सवाल हैं जिनका भारतीय रिजर्व बैंक ने जवाब देने से मना कर दिया। जब बैंक से यह पूछा गया कि नोटबंदी के लिए उन्होंने क्या तैयारियां की थीं और इसके होने वाले असर को लेकर क्या स्टडी की थीं तो बैंक ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मामला है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लूमबर्ग न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक से अब तक 14 सवाल पूछे हैं, लेकिन 11 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने सिर्फ 5 सवालों के जवाब दिए हैं। बाकी के 9 सवालों को या तो किसी दूसरे विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है या जवाब देने से मना कर दिया। जिन 5 सवालों के जवाब दिए हैं, उनसे यह बात साफ हुई है कि 8 नवंबर से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। आइए जानते हैं आरटीआई से पूछे गए किन सवालों पर बचता नजर आया भारतीय रिजर्व बैंक। ये भी पढ़ें- नोटबंदी पर जानकारी देने से मना करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा- किसी की जिंदगी को खतरा हो सकता है

  • जब भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया कि आखिर अब तक कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो इस पर केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अभी इस सवाल का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
  • नए नोटों की छपाई से जुड़े दो सवालों को भारतीय रिजर्व बैंक ने उन ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रिंटिंग प्रेस का काम-काज देखती हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया था कि आखिर वो कौन सी बात है, जिससे प्रेरित होकर भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी पर चर्चा की और उसे मंजूरी भी दे दी? बैंक ने जवाब में कहा आरटीआई एक्ट में ‘सूचना’ की जो परिभाषा दी गई है, यह सवाल उसके तहत नहीं आता है।
  • RBI से एक ही सवाल को 3 बार पूछा गया, जिनमें से दो बार तो एक जवाब दिया और तीसरा बार जवाब बदल गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो जवाबों में कहा- यह फैसला पूर्ण मत से पारित किया गया था। वहीं तीसरी बार में उनका जवाब आया कि यह जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • जब पूछा गया कि जिस दिन नोटबंदी की घोषणा हुई, उस दिन की शाम तक बैंकों के पास कितनी मात्रा में पुराने नोट थे तो बैंक ने यह बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी जनता को बताने वाले की जिंदगी को खतरा हो सकता है।
  • दो और सवाल हैं जिनका भारतीय रिजर्व बैंक ने जवाब देने से मना कर दिया। जब बैंक से यह पूछा गया कि नोटबंदी के लिए उन्होंने क्या तैयारियां की थीं और इसके होने वाले असर को लेकर क्या स्टडी की थीं तो बैंक ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मामला है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लूमबर्ग न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक से अब तक 14 सवाल पूछे हैं, लेकिन 11 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने सिर्फ 5 सवालों के जवाब दिए हैं। बाकी के 9 सवालों को या तो किसी दूसरे विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है या जवाब देने से मना कर दिया। जिन 5 सवालों के जवाब दिए हैं, उनसे यह बात साफ हुई है कि 8 नवंबर से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। आइए जानते हैं आरटीआई से पूछे गए किन सवालों पर बचता नजर आया भारतीय रिजर्व बैंक। ये भी पढ़ें- नोटबंदी पर जानकारी देने से मना करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा- किसी की जिंदगी को खतरा हो सकता है

  • जब भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया कि आखिर अब तक कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो इस पर केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अभी इस सवाल का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
  • नए नोटों की छपाई से जुड़े दो सवालों को भारतीय रिजर्व बैंक ने उन ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रिंटिंग प्रेस का काम-काज देखती हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया था कि आखिर वो कौन सी बात है, जिससे प्रेरित होकर भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी पर चर्चा की और उसे मंजूरी भी दे दी? बैंक ने जवाब में कहा आरटीआई एक्ट में ‘सूचना’ की जो परिभाषा दी गई है, यह सवाल उसके तहत नहीं आता है।
  • RBI से एक ही सवाल को 3 बार पूछा गया, जिनमें से दो बार तो एक जवाब दिया और तीसरा बार जवाब बदल गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो जवाबों में कहा- यह फैसला पूर्ण मत से पारित किया गया था। वहीं तीसरी बार में उनका जवाब आया कि यह जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • जब पूछा गया कि जिस दिन नोटबंदी की घोषणा हुई, उस दिन की शाम तक बैंकों के पास कितनी मात्रा में पुराने नोट थे तो बैंक ने यह बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी जनता को बताने वाले की जिंदगी को खतरा हो सकता है।
  • दो और सवाल हैं जिनका भारतीय रिजर्व बैंक ने जवाब देने से मना कर दिया। जब बैंक से यह पूछा गया कि नोटबंदी के लिए उन्होंने क्या तैयारियां की थीं और इसके होने वाले असर को लेकर क्या स्टडी की थीं तो बैंक ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मामला है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लूमबर्ग न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक से अब तक 14 सवाल पूछे हैं, लेकिन 11 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने सिर्फ 5 सवालों के जवाब दिए हैं। बाकी के 9 सवालों को या तो किसी दूसरे विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है या जवाब देने से मना कर दिया। जिन 5 सवालों के जवाब दिए हैं, उनसे यह बात साफ हुई है कि 8 नवंबर से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। आइए जानते हैं आरटीआई से पूछे गए किन सवालों पर बचता नजर आया भारतीय रिजर्व बैंक। ये भी पढ़ें- नोटबंदी पर जानकारी देने से मना करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा- किसी की जिंदगी को खतरा हो सकता है

  • जब भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया कि आखिर अब तक कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो इस पर केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अभी इस सवाल का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
  • नए नोटों की छपाई से जुड़े दो सवालों को भारतीय रिजर्व बैंक ने उन ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रिंटिंग प्रेस का काम-काज देखती हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया था कि आखिर वो कौन सी बात है, जिससे प्रेरित होकर भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी पर चर्चा की और उसे मंजूरी भी दे दी? बैंक ने जवाब में कहा आरटीआई एक्ट में ‘सूचना’ की जो परिभाषा दी गई है, यह सवाल उसके तहत नहीं आता है।
  • RBI से एक ही सवाल को 3 बार पूछा गया, जिनमें से दो बार तो एक जवाब दिया और तीसरा बार जवाब बदल गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो जवाबों में कहा- यह फैसला पूर्ण मत से पारित किया गया था। वहीं तीसरी बार में उनका जवाब आया कि यह जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • जब पूछा गया कि जिस दिन नोटबंदी की घोषणा हुई, उस दिन की शाम तक बैंकों के पास कितनी मात्रा में पुराने नोट थे तो बैंक ने यह बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी जनता को बताने वाले की जिंदगी को खतरा हो सकता है।
  • दो और सवाल हैं जिनका भारतीय रिजर्व बैंक ने जवाब देने से मना कर दिया। जब बैंक से यह पूछा गया कि नोटबंदी के लिए उन्होंने क्या तैयारियां की थीं और इसके होने वाले असर को लेकर क्या स्टडी की थीं तो बैंक ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मामला है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लूमबर्ग न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक से अब तक 14 सवाल पूछे हैं, लेकिन 11 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने सिर्फ 5 सवालों के जवाब दिए हैं। बाकी के 9 सवालों को या तो किसी दूसरे विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है या जवाब देने से मना कर दिया। जिन 5 सवालों के जवाब दिए हैं, उनसे यह बात साफ हुई है कि 8 नवंबर से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। आइए जानते हैं आरटीआई से पूछे गए किन सवालों पर बचता नजर आया भारतीय रिजर्व बैंक। ये भी पढ़ें- नोटबंदी पर जानकारी देने से मना करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा- किसी की जिंदगी को खतरा हो सकता है

  • जब भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया कि आखिर अब तक कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो इस पर केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अभी इस सवाल का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
  • नए नोटों की छपाई से जुड़े दो सवालों को भारतीय रिजर्व बैंक ने उन ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रिंटिंग प्रेस का काम-काज देखती हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया था कि आखिर वो कौन सी बात है, जिससे प्रेरित होकर भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी पर चर्चा की और उसे मंजूरी भी दे दी? बैंक ने जवाब में कहा आरटीआई एक्ट में ‘सूचना’ की जो परिभाषा दी गई है, यह सवाल उसके तहत नहीं आता है।
  • RBI से एक ही सवाल को 3 बार पूछा गया, जिनमें से दो बार तो एक जवाब दिया और तीसरा बार जवाब बदल गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो जवाबों में कहा- यह फैसला पूर्ण मत से पारित किया गया था। वहीं तीसरी बार में उनका जवाब आया कि यह जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • जब पूछा गया कि जिस दिन नोटबंदी की घोषणा हुई, उस दिन की शाम तक बैंकों के पास कितनी मात्रा में पुराने नोट थे तो बैंक ने यह बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी जनता को बताने वाले की जिंदगी को खतरा हो सकता है।
  • दो और सवाल हैं जिनका भारतीय रिजर्व बैंक ने जवाब देने से मना कर दिया। जब बैंक से यह पूछा गया कि नोटबंदी के लिए उन्होंने क्या तैयारियां की थीं और इसके होने वाले असर को लेकर क्या स्टडी की थीं तो बैंक ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मामला है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लूमबर्ग न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक से अब तक 14 सवाल पूछे हैं, लेकिन 11 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने सिर्फ 5 सवालों के जवाब दिए हैं। बाकी के 9 सवालों को या तो किसी दूसरे विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है या जवाब देने से मना कर दिया। जिन 5 सवालों के जवाब दिए हैं, उनसे यह बात साफ हुई है कि 8 नवंबर से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। आइए जानते हैं आरटीआई से पूछे गए किन सवालों पर बचता नजर आया भारतीय रिजर्व बैंक। ये भी पढ़ें- नोटबंदी पर जानकारी देने से मना करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा- किसी की जिंदगी को खतरा हो सकता है

  • जब भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया कि आखिर अब तक कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो इस पर केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अभी इस सवाल का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
  • नए नोटों की छपाई से जुड़े दो सवालों को भारतीय रिजर्व बैंक ने उन ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रांसफर कर दिया है, जो प्रिंटिंग प्रेस का काम-काज देखती हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा गया था कि आखिर वो कौन सी बात है, जिससे प्रेरित होकर भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोटबंदी पर चर्चा की और उसे मंजूरी भी दे दी? बैंक ने जवाब में कहा आरटीआई एक्ट में ‘सूचना’ की जो परिभाषा दी गई है, यह सवाल उसके तहत नहीं आता है।
  • RBI से एक ही सवाल को 3 बार पूछा गया, जिनमें से दो बार तो एक जवाब दिया और तीसरा बार जवाब बदल गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो जवाबों में कहा- यह फैसला पूर्ण मत से पारित किया गया था। वहीं तीसरी बार में उनका जवाब आया कि यह जानकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • जब पूछा गया कि जिस दिन नोटबंदी की घोषणा हुई, उस दिन की शाम तक बैंकों के पास कितनी मात्रा में पुराने नोट थे तो बैंक ने यह बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी जनता को बताने वाले की जिंदगी को खतरा हो सकता है।
  • दो और सवाल हैं जिनका भारतीय रिजर्व बैंक ने जवाब देने से मना कर दिया। जब बैंक से यह पूछा गया कि नोटबंदी के लिए उन्होंने क्या तैयारियां की थीं और इसके होने वाले असर को लेकर क्या स्टडी की थीं तो बैंक ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मामला है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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