राज्यपाल ने मांगी माफी
राजभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला पत्रकार के गाल सहलाने के बाद मचे बवाल के एक दिन बाद राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बुधवार को माफी मांग ली। गौरतलब है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने एक महिला पत्रकार के सवाल पर उसकी गाल थपथपा दी। महिला पत्रकार की मांग पर राज्यपाल की तरफ से यह माफी उस वक्त मांगी गई है जब लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने एक तस्वीर को ट्वीट किया। इसमें राज्यपाल उसके गाल को सहलाते हुए देखे जा रहे थे। लक्ष्मी ने राज्यपाल के इस व्यवहार पर हैरानी जताई थी।राज्यपाल पुरोहित की तरफ से लक्ष्मी सुब्रमण्यम को यह लिखा गया- “मैने आपके गाल पर थपकी अपनी पोती की तरह समझकर दी। मैने पत्रकार के तौर पर आपके प्रदर्शन की सराहना के तौर पर ऐसा किया क्योंकि मैं खुद भी उसी पेशे के सदस्य के तौर पर 40 वर्षों तक रहा हूं।” हालांकि, पत्रकार ने ट्वीटर कर यह कहा कि राज्यपाल की तरफ से मांगी गई माफी को वह स्वीकार तो करती हैं लेकिन वह राज्यपाल पुरोहित की तर्कों से सहमत नहीं हैं।बनवारी लाल पुरोहित मंगलवार को राजभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकार का गाल सहला दिया था। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस विरुद्धनगर की एक महिला प्रोफेसर की गिरफ्तार की बाद बुलाई गई थी, जिसे कॉलेज की छात्रों को अधिकारियों के साथ एडजस्ट करने के बदले अच्छे नंबर और पैसे देने का प्रलोभन दिया जा रहा था। उस महिला प्रोफेसर ने अपने आपको पुरोहित की काफी करीबी होने का दावा किया था। बनवारी लाल ने सभी तरह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन, प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर पर राज्यपाल की तरफ से सुब्रमण्यम के गाल को सहलाने पर पत्रकारों और राजनेताओं में जबरदस्त गुस्सा भड़क उठा। उधर, विपक्षी पार्टी द्रमुक ने घटना को संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति का ‘अशोभनीय’ कृत्य करार दिया। यह घटना उस समय हुई जब 78 वर्षीय राज्यपाल राजभवन में भीड़ भाड़ वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थल से जा रहे थे। राज्यपाल की ये फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। महिला पत्रकार के मुताबिक, इस घटना के बाद उसने कई बार अपना मुंह धोया, लेकिन वो इस बात को भुला नहीं पा रही थी। बता दें कि गवर्नर की ओर से यह प्रेस कॉन्फ्रेंस देवांग आर्ट्स कॉलेज की प्रोफेसर नर्मला देवी के मामले को लेकर बुलाई गई थी। दरअसल, इस महिला प्रोफेसर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी छात्राओं को अधिकारियों के साथ एडजस्ट करने के बदले पैसे और अधिक नंबर मिलने का प्रलोभन दिया था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उधर शिक्षिका निर्मला देवी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लोगों में राज्यपाल के नाम पर लोगों को भ्रमित किया था। उन्होंने अपने आप को राज्यपाल का करीबी बताया था। हालांकि राज्यपाल ने उनके दावे को सिरे से खारिज कर दिया था।