सत्य के पक्ष में आवाज बुलंद करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी : विक्रम सिंह पंवार

राज्य सरकार के रसूखदार और आम लोगों के लिए अलग-अलग दोहरे मापदंड क्यों

देहरादून/ त्यूणी। आज प्रदेश संयोजक युवा कांग्रेस ने सरकार पर जोरदार हमला बोला उन्होने कहा राज्य सरकार के रसूखदार और आमलोगों के लिए अलग-अलग दोहरे मापदंडों के खिलाफ  दोपहर 11 बजे अपने घर गाँव कूणा (त्यूनी) में लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सत्याग्रह किया। सत्याग्रह में उपस्थित प्रदेश संयोजक युवा कांग्रेस व क्षेत्र पंचायत कूणा वि०ख० चकराता विक्रम सिंह पंवार, शमशेर सिंह चौहान, कुलदीप खन्ना, मनोज जगलान आदि थें। न्यायोचित सत्य का आग्रह ही सत्याग्रह है। सत्य ये है की उत्तराखंड के काबीना मंत्री श्री सतपाल महाराज जी और उनके परिजनों ने कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद उन सभी कानूनों का उल्लंघन किया है, जो इस कोरोना महामारी के संक्रमण काल में अपराध है। जबकि महामारी में संक्रमण के तहत राज्य सरकार पहले ही रंवाई उत्तरकाशी के निर्दोष प्रवीण जयाडा जैसे साधारण नौजवान पर संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर चुकी है। लेकिन अधिक संगीन स्थिति के बावजूद सतपाल महाराज के राजनीतिक रसूख के आगे कानून अब तक कुछ नहीं कर पाया। जबकि नैनीताल उच्च न्यायालय ने इस दोहरे कानून पर राज्य सरकार को फटकार भी लगायी है। सतपाल महाराज कोरोना सक्रंमित पाये जाने पर उनके द्वारा कैबिनेट बैठक में शामिल होने पर उस बैठक में उपस्थित सभी माननीयों का कोरोना जांच होती हैं, जो आवश्यक भी हैं। परन्तु उनके पुत्र जो कोरोना सक्रंमित पाये जाते हैं, चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ राजनीतिक उद्देश्य से भ्रमण करते हुए क्षेत्र के आमलोगों के सम्पर्क में आते हैं, चौबट्टाखाल क्षेत्र के उन लोगों की कोई कोरोना स्वास्थय जांच नहीं। आखिर एक प्रदेश में एक ही सरकार द्वारा रसूखदार और आमलोगों के लिए अलग-अलग कानून और व्यवहार क्यों? देश में लोकतंत्र है। राज्य सरकारें संविधान की मर्यादाओं से बंधी है। ऐसी स्थिति में अगर लोक द्वारा बनाये गये तंत्र के संविधान पर सवाल खड़ा होता है तो सत्य के पक्ष में आवाज बुलंद करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी हैं।

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