सूबे में मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगे प्राइवेट डॉक्टर
देहरादून : अगर आप इलाज के लिए किसी निजी क्लीनिक या नर्सिंग होम में जा रहे हैं तो जरा ध्यान दीजिए। आज आपको उपचार मिलना मुश्किल है। उत्तराखंड में प्राइवेट डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान केवल इमरजेंसी मामलों में ही इलाज दिया जाएगा। डॉक्टर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के स्थान पर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) स्थापित किये जाने का विरोध कर रहे हैं। वह सुबह छह से शाम छह बजे तक मरीज नहीं देखेंगे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव डॉ. डीडी चौधरी ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन बनाने और उसमें डॉक्टरों के बजाय अन्य क्षेत्र के लोगों को प्रमुखता देने के निर्णय से डॉक्टरों में रोष है। नेशनल मेडिकल काउंसिल में शीर्ष स्तर पर सीनियर डॉक्टर की जगह आइएएस होंगे। आइएमए इसका कड़ा विरोध करती है।
विधेयक में एक लाइसेंसिएट एग्जाम की बात भी कही गई है। जिसका मतलब है कि डिग्री लेने के बाद भी एक परीक्षा पास करनी होगी तभी डॉक्टर होने का लाइसेंस मिलेगा। यह प्रावधान भी है कि मेडिकल में पीजी में सीटें बढ़ाने के लिए नियामक से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। यह भविष्य के लिहाज से ठीक नहीं है। इसमें कई विसंगतियां हैं। इस मामले को लेकर आइएमए द्वारा राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की बात भी उन्होंने कही।
बड़े अस्पताल नहीं शामिल
प्रदेश में लगभग ढाई हजार निजी क्लीनिक हैं। ये पूरी तरह से हड़ताल से प्रभावित रहेंगे। लेकिन निजी अस्पतालों के डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल नहीं होंगे।
एमसीआइ पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप
चिकित्सा शिक्षा का जिम्मा अभी एमसीआइ के पास है, लेकिन एमसीआइ पर लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। कुछ साल पहले इसके चेयरमैन केतन देसाई को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था, तभी से इसको खत्म कर नई एजेंसी बनाने की कोशिश होती रही है।
आइएमए का ब्लैक डे मंगलवार को
हल्द्वानी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर मंगलवार को कुमाऊं के सभी निजी चिकित्सालयों में ओपीडी सेवाएं नहीं चलेंगी। केवल इमरजेंसी वाले मरीजों को ही इलाज मिल सकेगा। आइएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर जेएस खुराना ने बताया कि भारत सरकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को खत्म करके इंडियन मेडिकल कमीशन लाने जा रही है। यह गलत है।
सभी डॉक्टर इसका विरोध करते हैं। इसमें किए जा रहे प्रावधान व्यावहारिक नहीं है। इसलिए सभी डॉक्टर मंगलवार को ओपीडी बंद रखेंगे। इसका असर दूर दराज से आने वाले मरीजों को पड़ेगा। खासकर हल्द्वानी में पहाड़ के चार जिलों से सैकड़ों मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं।