प्रीतम सिंह ने की 10 लाख मुआवजे की मांग

देहरादून, । उत्तराखण्ड में रोजाना महिलाओं के प्रति हिंसा, बलात्कार व हत्या के मामलों व उत्तरकाशी में नाबालिग के बलात्कार व हत्या के मामले में कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधिमण्डल राज्यपाल डॉ0 के0के0 पाल से कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में मिला। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य में रोजाना महिलाओं के साथ घट रही हिंसा, बलात्कार व हत्या की घटनाओं पर चिन्ता जताते हुए राज्यपाल से कानून व्यवस्था के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की तथा आग्रह किया कि उत्तरकाशी बलात्कार-हत्या की पीडिता के परिवार को राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रूपये आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिये जा। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि भ्रष्टाचार और भयमुक्त सरकार के अपने वायदे पर अमल करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। राज्य सरकार के डेढ वर्ष के कार्यकाल में राज्य में हत्या, लूट-पाट, चोरी, डकैती, बलात्कार, चेन स्नैचिंग, टप्पेबाजी आदि अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। पहले लालकुआं में मासूम बच्ची का बलात्कार तथा अब उत्तरकाशी में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार तथा देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बाधिता संस्थान में छात्राओं से छेड़-छाड़ की घटना अपने आप में राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। राज्य में लगातार घट रही इन घटनाओं से गिरती कानून व्यवस्था उजागर होने के साथ-साथ राज्य की अस्मिता पर भी चोट पहुंची है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आमजन विषेशकर महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि 17 अगस्त की रात्रि को उत्तरकाशी जनपद के डुण्डा ब्लाक में एक 13 वर्षीय नाबालिग की सामूहिक बलात्कार के बाद जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई। यह सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटना दिल्ली में कुछ वर्ष पूर्व घटित निर्भया बलात्कार एवं हत्याकाण्ड व जम्मू-कश्मीर के कठुआ में घटित आसिमा बलात्कार एवं हत्या काण्ड जैसी ही है। नाबालिग के साथ सामूहिक कुकर्म करने के पश्चात उसके शरीर के साथ घिनौने तरीके से हिंसा कर उसके शव को क्षत’विक्षत कर दिया गया। उन्होंने कहा कि दिनांक 19 अगस्त, 2018 को उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधिमण्डल जनपद उत्तरकाशी गया था जहां पर एक नाबालिग के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के विरोध में आन्दोलनरत लोगों से मिला। उत्तरकाशी में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना घृणित, शर्मनाक एवं देवभूमि को कलंकित करने वाली जघन्य अपराध की घटना है, जिसकी जितनी भी निन्दा की जाय कम है। इस पूरे प्रकरण ने उत्तराखण्ड को झकझोर कर रख दिया है जिससे उत्तरकाशी ही नहीं पूरे उत्तराखण्ड की जनता में भारी रोष व्याप्त है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने यह भी कहा कि इसी प्रकार देहरादून में राजपुर रोड़ स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बाधिता संस्थान की छात्राओं के साथ मानसिक एवं यौन उत्पीड़न किये जाने की भयानक घटना प्रकाश में आई है। छात्राओं ने स्कूल प्रबन्धन व स्कूल प्रधानाचार्य को अपने साथ घटित हो रही घटना के बारे में मौखिक व लिखित शिकायत दर्ज करवाई किन्तु इस मामले में संस्थान के प्रशासन द्वारा लीपा-पोती की गई। संस्थान प्रशासन व प्रधानाचार्य द्वारा पीड़ित छात्राओं की शिकायत को नजर अंदाज किये जाने व दोषियों के विरूद्ध उचित कार्रवाई न किये जाने से संस्थान के छात्र-छात्रायें उत्पीड़न से भयभीत हैं तथा आन्दोलनरत हैं। राष्ट्रीय दृष्टि बाधिता संस्थान, देहरादून राष्ट्रीय स्तर पर लब्धप्रतिष्ठित संस्थान है जिसमें देश के अनेक राज्यों से दृष्टि बाधित छात्र-छात्रायें प्रशिक्षण लेने आते हैं। दिव्यांग बच्चों के साथ मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न की घटना के कारण जहां एक ओर राज्य का नाम बदनाम हो रहा है वहीं दूसरी ओर पीड़ित छात्र-छात्राओं के साथ उत्पीड़न करने वाले लोगों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं किया जाना शासन-प्रशासन तथा राज्य सरकार की कार्य प्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गई है तथा कानून व सरकार नाम की चीज नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से मांग की कि उत्तरकाशी नाबालिग बलात्कार एवं हत्या काण्ड के पीडित परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाय तथा राष्ट्रीय दृष्टि बाधिता संस्थान देहरादून में दिव्यांग छात्र-छात्राओं के मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाय। प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अलावा पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान, पूर्व विधायक राजकुमार, महामंत्री गोदावरी थापली, जिलाध्यक्ष संजय किशोर, गौरव सिंह, सरिता आर्या, सुनीता रावत, गरिमा दसौनी, नजमा खान, कमलेश रमन, चन्द्रकला नेगी, मीना रावत, जेबा खान, आशा बिष्ट, प्रभा पाण्डे आदि शामिल रहे।

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