प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 50 शहरों में जल्द चलेगी मेट्रो

नोएडा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का बहुत बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम पदार्थ के आयात में खर्च होता है। हमारा लक्ष्य 2022 तक पेट्रोलियम पदार्थ की मांग को कम करना है। इसमें मेट्रो बहुत उपयोगी है। इससे पेट्रोलियम के साथ पर्यावरण भी बचेगा। जल्द ही देश के 50 शहरों में मेट्रो का संचालन होगा। वह सोमवार को नोएडा के बॉटेनिकल गार्डेन से दिल्ली के कालका तक मजेंटा लाइन मेट्रो का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब 100 किलोमीटर तक मेट्रो का जाल फैल गया है। हमें दुनिया के पांच सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क वाले देश में शामिल होना है। भविष्य में मास, रैपिड और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देना होगा। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यो की सराहना भी की। इससे पहले प्रधानमंत्री ने मजेंटा लाइन मेट्रो का उद्घाटन किया। इसके बाद वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य लोगों के साथ बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन से मेट्रो की सवारी कर ओखला बर्ड सेंचुरी मेट्रो स्टेशन पहुंचे। जहां से सड़क मार्ग से सेक्टर 125 एमिटी यूनिवर्सिटी में स्थित जनसभा में पहुंचे।

अटल को दी ‘भारत मार्ग विधाता’ की उपाधि

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जन्मदिन पर याद करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘भारत मार्ग विधाता’ की उपाधि दी। कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का सपना अटल जी का था। इसे आगे बढ़ाते हुए 2019 तक देश के सभी गांवों को पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा। अटल जी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सुशासन का असर है कि हमारी सरकार बनने के बाद प्रतिदिन बनने वाली सड़क और बिछाए जाने वाली रेल लाइन का काम दोगुना हो रहा है।

बगैर नई इंडस्ट्री लगे यूरिया का उत्पादन बढ़ा

बगैर कोई नई इंडस्ट्री लगे 20 लाख टन यूरिया का उत्पादन बढ़ गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्यादा कानून सुशासन की राह में बाधक है। इसी कारण हमारी सरकार बनने के बाद करीब 12 सौ कानून खत्म किए गए। हमारा लक्ष्य विकासोन्मुखसुशासन देना है।

मैंने भी मिथक तोड़े थे

प्रधानमंत्री ने तमाम मिथकों को दरकिनार कर नोएडा आने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कुर्सी जाने के डर से नोएडा नहीं आए उन्हें तो सीएम बनने का हक ही नहीं है। लोग कुर्सी जाने के डर से नोएडा नहीं आते थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़ा है। अंधश्रद्धा में जीने वाले लोग देश का अहित करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने अनुभव भी साझा किए। कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना था तब मुझे भी राज्य की ऐसी सात-आठ जगहों के बारे में बताया गया। लोगों ने कहा कि उन जगहों पर जाने से कुर्सी चली जाती है। मैंने पहले ही साल अपने दौरे में ऐसी सभी जगहों को शामिल किया और वहां गया। चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे एक मुख्यमंत्री के बारे में पता लगा कि उन्होंने नई कार ली और नींबू-मिर्ची लटका दी। हम विज्ञान के युग में जी रहे हैं। ऐसे मिथक और मान्यताओं में कैद कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता है।

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