परिवहन व्यवस्था की बदहाली के लिए AAP जिम्मेदार, झूठे साबित हुए वादे: कांग्रेस

नई दिल्ली । दिल्ली की बदहाल परिवहन व्यवस्था के लिए कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार की उपेक्षा की वजह से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों की संख्या कम होती जा रही है। मेट्रो विस्तार की योजना भी बाधित हो रही है।

‘आप’ के खिलाफ अभियान 

कांग्रेस केजरीवाल सरकार के खिलाफ पोल-खोल अभियान चला रही है। इस अभियान के दूसरे दिन पूर्व परिवहन मंत्री हारुन यूसुफ ने प्रेस वार्ता कर कहा कि इस सरकार ने परिवहन व्यवस्था में कोई सुधार करने के बजाए कांग्रेस द्वारा स्थापित परिवहन व्यवस्था को भी बर्बाद कर दिया। परिवहन व्यवस्था को लेकर ‘आप’ द्वारा किए गए सभी वादे झूठे साबित हुए हैं।

घटी है यात्रियों की संख्या 

पूर्व परिवहन मंत्री ने कहा कि दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी डीटीसी बसों का इस्तेमाल करती है, लेकिन आज डीटीसी बदहाली के कगार पर पहुंच गई है। हारुन यूसुफ ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2013-14 में डीटीसी के बेड़े में 5223 बसें थीं जो अगस्त 2017 में घटकर 3951 रह गई हैं। दिल्ली देहात में चलने वाली स्टैंडर्ड फ्लोर बसों में 173 बसों की कमी आई है। डीटीसी बसों से यात्रा करने वाले लोगों की सख्या में 8.88 फीसद प्रतिवर्ष दर की कमी हो रही है।

एक साल में दो बार बढ़ा मेट्रो का किराया 

पूर्व परिवहन मंत्री ने कहा कि एक ही वर्ष में मेट्रो का किराया दो बार बढ़ा दिया गया। इसको लेकर ‘आप’ की दिल्ली सरकार और भाजपा की केंद्र सरकार एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं, जबकि किराया निर्धारण समिति में दोनों ही सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन (जेएनयूआरएम) के तहत दिया जाने वाला 205 करोड़ रुपये का फंड नहीं मिला। पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क के तहत मिले 829 करोड़ रुपये में से भी सरकार सिर्फ 93 करोड़ रुपये खर्च कर सकी है।

कर्मचारियों ने निकाली रैली 

बता दें कि हाल ही में समान कार्य-समान वेतन, स्थायी नियुक्ति सहित अन्य मांगों को लेकर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के अनुबंधित कर्मचारियों ने रैली निकाली थी। रैली आइपी एस्टेट स्थित डीटीसी मुख्यालय से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास तक निकाली गई थी। रैली में काफी संख्या में चालक और परिचालक शामिल हुए थे। रैली में शामिल कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। यह रैली डीटीसी आम कर्मचारी यूनियन के तत्वावधान में आयोजित की गई थी, जिसे दिल्ली परिवहन मजदूर संघ का समर्थन प्राप्त हुआ था।

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