प्रद्युम्न के पिता बोले- स्कूल खुलने पर साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास करेंगे हत्यारे

गुरुग्राम । सोहना रोड भोडसी गांव स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल सोमवार से खुल गया। हालांकि प्रशासन का दावा है कि साक्ष्य पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे, लेकिन प्रद्युम्न के पिता वरुणचंद ठाकुर ने आशंका जताई है कि स्कूल खुलने के बाद साक्ष्यों को सुरक्षित रखना संभव नहीं होगा। उनका मानना है कि सीबीआइ जांच शुरू होने तक स्कूल को बंद रखना चाहिए था।

गुड़गांव के डीसी विनय प्रताप सिंह का कहना है कि सोमवार सुबह स्कूल खुलते ही बाहर काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए। स्कूल के भीतर भी सुरक्षा की व्यवस्था की गई। जहां पर प्रद्युम्न की हत्या की गई थी, उसके आसपास की पूरी गैलरी पुलिस की निगरानी में है ताकि कोई साक्ष्य नष्ट न हो जाए। अगले कुछ दिनों तक स्कूल के बाहर भी पुलिस की तैनाती रहेगी। वरिष्ठ अधिकारी भी समय-समय पर दौरा करेंगे।

साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास

रविवार को दैनिक जागरण से बातचीत में वरुणचंद ने कहा कि उनके बेटे की हत्या के बाद साक्ष्य को मिटाने के प्रयास किए गए। बच्चों से खून साफ करवाने का प्रयास किया गया। आशंका है कि हत्या के पीछे कोई न कोई है जो स्कूल खुलते ही आना शुरू करेगा। वह निश्चित रूप से साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास करेगा।

दोनों बच्चे साथ-साथ स्कूल जाते थे

साक्ष्य खत्म होने पर सीबीआइ को जांच करने में कहीं न कहीं परेशानी निश्चित रूप से होगी। कुछ दिनों तक प्रशासन को इंतजार करना चाहिए था। इसी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली अपनी बेटी को स्कूल भेजने के सवाल पर वरुणचंद ने कहा कि उसे दोबारा रेयान इंटरनेशनल स्कूल में भेजना है या नहीं, इस बारे में नहीं सोचा है। सोचने की हिम्मत भी नहीं हो रही है। दोनों बच्चे साथ-साथ ही स्कूल जाते थे।

देश के हर बच्चे की सुरक्षा के लिए लड़ाई

वरुणचंद ने कहा कि उनका मासूम बेटा दुनिया से जा चुका है। अब वह लौटकर नहीं आने वाला। उन्हें व उनके परिवार को जो पीड़ा है वह कभी नहीं समाप्त होगी। ऐसी पीड़ा किसी दूसरे परिवार में न आए। प्रद्युम्न की तरह कोई दूसरा बच्चा दुनिया से न जाए, इसके लिए वह चाहते हैं कि स्कूलों के भीतर सुरक्षा में किसी भी स्तर पर कमी न रहे।

स्कूलों के भीतर डर पैदा होगा

वरुण ने कहा यदि सुरक्षा को लेकर लापरवाही खत्म नहीं होगी तो आज उनका बेटा दुनिया से गया है कल किसी और के बच्चे का नंबर आएगा। इस वजह से सीबीआइ जांच की मांग की और सुप्रीम कोर्ट तक गए। सीबीआइ जांच शुरू होने के बाद स्कूलों के भीतर डर पैदा होगा। जब डर पैदा होगा फिर कहीं व्यवस्था में कमी नहीं दिखाई देगी। प्रतिदिन स्कूलों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा होनी चाहिए। प्रबंधन कमेटी में प्रशासन की ओर से भी एक सदस्य होना चाहिए। कहीं भी किसी भी स्तर पर लापरवाही यदि दिखाई दे तो सीधे तौर पर प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

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