पुलिस कर्मियों को चढ़ना होगा पहाड़, ट्रांसफर के लिए बने ये मानक
देहरादून। लंबे समय से मैदानी जिलों में तैनात रहने वाले सिपाही, हेड कांस्टेबल और उपनिरीक्षक पहाड़ भेजे जाएंगे। डीआईजी नीरू गर्ग ने गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस कप्तानों से अपनी समय अवधि पूरी करने वाले पुलिसकर्मियों की सूची मुहैया कराने को कहा है। पुलिस अफसरों की मानें तो मार्च में दून में जमे कई पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण के आदेश होने तय हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उत्तराखंड डीजीपी का चार्ज लेने के बाद स्थानांतण नीति में कुछ बदलाव किया था। इसके तहत मैदानी जिलों में आठ साल की सेवा पूरी करने वाले दरोगाओं, बारह साल पूरा करने वाले हेड कांस्टेबल और सोलह साल पूरा करने वाले सिपाही को पहाड़ी जिलों में तैनात किया जाएगा।डीजीपी ने साफ तौर पर कहा था कि पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण को लेकर किसी की भी सिफारिश नहीं चलेगी और पुलिसकर्मियों को अपरिहार्य स्थिति में ही रोका जा सकता है। इसके लिए बाकादया अनुमति लेनी होगी। इसी आदेश के बाद रेंज स्तर पर भी हलचल शुरू हो गई है। डीआईजी नीरू गर्ग ने देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र भेजकर पुलिस कर्मियों की सूची मांगी है। जिनकी नियमावली के तहत जिलों में तैनाती को लेकर निर्धारित अवधि पूरी हो चुकी है। फरवरी पहले सप्ताह में सूची डीआईजी कार्यालय तक भेजी जाएगी। राजधानी में चार थाना प्रभारी, इंस्पेक्टर समेत कई चौकी प्रभारियों का समय आठ साल से अधिक हो चुका है।माना जा रहा है इस प्रक्रिया के दौरान दून में तैनात कई एसओ और चौकी प्रभारी का तबादला होना तय है।