PNB घोटाला: आईसीएआई ने धोखाधड़ी मामले में बैक अधिकारियों के बयान लिये

नई दिल्ली: चार्टेड एकाउंटेंट के शीर्ष संस्थान आईसीएआई ने 11,400 करोड़ रुपये की पीएनबी धोखाधड़ी मामले में बैंक के एक शीर्ष अधिकारी का बयान लिया है. हालांकि, संस्थान ने इस बात पर जोर दिया है कि जब तक मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती, ऑडिटर के पेशे को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं होगा. भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) पंजाब नेशनल बैंक में हुई धोखाधड़ी मामले में ऑडिटरों की भूमिका की जांच कर रहा है. संस्थान ने पीएनबी तथा गीतांजलि जेम्स के आडिटरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा मामले में विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने तथा बैंक प्रणाली के लिये सुधारात्मक उपायों के बारे में सुझाव देने के लिये उच्च अधिकार प्राप्त समूह का गठन किया है.

धोखाधड़ी का पता लगाने में ऑडिटरों और अन्य के स्तर पर कथित चूक को लेकर कुछ तबकों में चिंता के बीच आईसीएआई ने बयान देकर कहा है कि वह मौजूदा व्यवस्था के मजबूत बनाने के हर प्रयास का समर्थन करता है. आईसीएआई की पीएनबी मामले में गठित अधिकार प्राप्त समिति की पहली बैठक 23 फरवरी को हुई.

बयान के अनुसार, ‘‘पीएनबी के अधिकारियों को तलब किया गया और कथित धोखाधड़ी में संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा गया. पीएनबी के पश्चिमी क्षेत्र के महाप्रबंधक मुंबई में उपस्थित हुए और अपना बयान दिया.’’ आईसीएआई ने पहले ही पीएनबी तथा गीतांजलि के आडिटरों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं.

संस्थान के अनुसार वह यह सुनिश्चित करेगा कि मामले में तेजी से जांच हो और जो भी चार्टेड एकाउंटेंट धोखाधड़ी में शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर प्रतिबद्ध है. उसने यह भी कहा कि जब तक अनुशासनात्मक जांच पूरी नहीं होती और मामले में जिम्मेदारी तय नहीं होती, पेशे के खिलाफ कोई निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं होगा.

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