पीएम नरेंद्र मोदी बोले- महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता था, कोरोना को 21 दिन में जीतना है

नई दिल्ली । देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नागिरकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। वाराणसी के लोगों के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस न ही हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और नहीं हमारे संस्कार को। कोरोना के जवाब देने का दूसरा एक तरिका है वो है करुणा। करुणा से हम गरीबों और जरूरतमंदों का कल्याण कर सकते हैं। पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के नागरिकों से बात की। बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन करने की घोषणा की थी।वाराणसी के लोगों से पीएम नरेंद्र मोदी लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर सकते हैं। वह लोगों को बताएंगे कि कैसे लॉकडाउन के जरिए ही कोरोना को हराया जा सकता है। साथ ही पीएम मोदी बतौर सांसद उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बता सकते हैं। आपको बता दे कि भारत में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। पिछले दो दिनों में कोरोना के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अब तक देश में कोरोना के 560 केस सामने आ चुके हैं। मेरे काशी वासी आपको खुद को भी सुरक्षित रखें और देश को सुरक्षित रखें। सभी काशीवासियों को आज फिर एक बार दिल्ली से मैं प्रणाम करता हूं। आपने हमेशा काशी को संभाला है, आगे भी आप काशी को संभालेंगे। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।- बच्चों ने कैसी कमाल कर दी है ये आपको पता चलेगा। आज के इस युवा पीढ़ी की शक्ति मुझे बहुत प्रभावित करती है। मैं नमो एप पर आपके सुझाव निरंतर पढ़ रहा हूं। देश के अलग-अलग हिस्सों में सुझाव दिए हैं कि लॉकडाउन को पूरे शक्ति के साथ लागू किया जाए।- मैं देख रहा हूं कि मानव जाती इस वैश्विक संकट से जीतने के लिए एक साथ आ गई है। इस संकट में सबसे अहम भूमिका निभा रही हमारी बाल सेना, बालकों की सेना। छोटे-छोटे बालक इस संकट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई परिवारों ने अपने बच्चों का वीडियो बना रहे हैं।- कोरोना का इलाज अपने स्तर पर बिल्कुल नहीं करना है। जो करना है डॉक्टरों की सलाह पर ही करना है। कोरोना के खिलाफ कोई भी दवाई और वैक्सिन पूरी दुनिया में नहीं बनी है। डॉक्टरों से सलाह के बाद ही कोई दवाई लें।हम सभी का प्रयास होना चाहिए की प्रशासन पर कम से कम दबाव डाले, प्रशासन  सहयोग करें। अस्पताल में काम करने वाले, पुलिसकर्मी, सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले, मीडियाकर्मी, ये हमारे ही लोग हैं, हमें उनका हौसला बढ़ाना चाहिए।अभी नवरात्र शुरू हुआ है तब अगले 21 दिन तक नव गरीब परिवारों का मदद करने का प्रण लें। मैं मानता हूं अगर इतना भी हम कर लें तो इससे बड़ी सेवा क्या हो सकती है। लॉकडाउन की वजह से अनेक जानवरों के सामने भोजन का संकट आ गया है। मेरी लोगों की प्रार्थना है अपने आस-पास के पशुओं की भी चिंता करें।- कोरोना वायरस न ही हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और नहीं हमारे संस्कार को। कोरोना के जवाब देने का दूसरा एक तरिका है वो है करुणा। करुणा से हम गरीबों और जरूरतमंदों का कल्याण कर सकते हैं।- काशी में बात होती हो और कपड़े वाले बात न हो तो बात अधूरी रह जाती है। कोरोना को पराजित करने के लिए एक रणनीति के तहत एक्सपर्ट से मिले दिशा निर्देशों के तहत ही हर व्यक्ति दूसरे से कम से कम एक डेढ मीटर की दूरी पर रहे। साथियों हम इस बात पर विश्वास करने वाले लोग है कि मनुष्य ईश्वार का अंश हैं। जब मुझे कल डॉक्टरों से बात कर रहा था तो पता तो तत्काल गृह विभाग और राज्यों के डीजीपी के साथ बात करने और उचित दिशा निर्देश देने का आदेश दिया।जिन लोगों ने वुहान में रेस्क्यू ऑपरेशन किया, मैंने उनको पत्र लिखा। मेरे लिए बहुत भावुक पल था। कुछ स्थानों से ऐसी घटनाओं की जानकारी भी मिली है जिससे हृदय को पीड़ा हुआ है। इस महामारी से बचाने के लिए जो लोग काम पर लगे हुए हैं उनके साथ बुरा बर्ताव होता है तो आप लोग उनको चेतावनी दी दीजिए। ऐसा नहीं कर सकते हैं।

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