भारतीय नौसेना में शामिल होगी कलवरी पनडुब्बी, ये है इसकी खासियतें
मुंबई: 17 साल में पहली डीजल से चलने वाली पनडुब्बी मिल गई है. नौसेना को मुम्बई के मझगांव डॉकयार्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कन्वेंशनल पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
पनडुब्बी की कमी से जूझ रही नौसेना के पास अभी दर्जनभर ही पनडुब्बी हैं जबकि चुनातियां काफी बड़ी हैं . 17 साल बाद नौसेना को मिलने वाला डीजल और बिजली से चलने वाला ये पनडुब्बी काफी घातक हैं. ये एक साथ तारपीडो, मिसाइल और माइंस लेकर चल सकता हैं.
इसकी लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर हैं. इसमें 360 बैटरी है जिसमें हर बैटरी का वजन 750 किलो हैं. साथ में 1250 किलोवाट के दो डीज़ल इंजन लगे हैं जो बैटरी को जल्दी से जल्दी चार्ज करते हैं.
इसकी स्पीड करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटा है. ये समंदर में 50 दिन तक रह सकता हैं. पूरी तरह से ब्रांड न्यू ये पनडुब्बी हर लिहाज स्टेट ऑफ द आर्ट है अपनी क्लास में इसकी टक्कर का पनडुब्बी आस पास कोई नहीं हैं.