पेंशन बंद हुई तो बुजुर्ग को पता चला कि अब वह मुर्दा हैं

उत्तरकाशी : समाज कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली भी अजीबोगरीब है। समाज कल्याण के अधिकारी कब जिंदा व्यक्ति को मृतक बना दें और मृतकों को पेंशन दे दें। इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसी तरह का एक मामला उत्तरकाशी के पुरोला में सामने आया है। समाज कल्याण विभाग ने एक वृद्ध को मृतक घोषित कर पेंशन बंद कर दी। अब वृद्ध पेंशन के लिए समाज कल्याण के कार्यालय से लेकर शिविर तक चक्कर लगाने को मजबूर है।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 116 किलोमीटर दूर पुरोला ब्लॉक के निकट कोर्ट रोड निवासी 76 साल के सुमत प्रसाद की वृद्ध पेंशन वर्ष 2013 में लगी थी। वर्ष 2014 व 2015 में सुमत प्रसाद को पेंशन तो मिली, लेकिन वर्ष 2016 में समाज कल्याण ने पेंशन देना बंद कर दिया।

कुछ माह तक सुमत प्रसाद ने पेंशन का इंतजार किया। उसके बाद भी जब पेंशन नहीं आई तो छह माह पहले पुरोला में लगे एक शिविर में पेंशन की जानकारी मांगी। तब पता चला कि समाज कल्याण के अधिकारियों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया है। इसी कारण पेंशन बंद कर दी है।

विभाग के इस कारनामे से सुमत प्रसाद हैरान रह गए। अधिकारियों की इस करतूत की शिकायत जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को भी की। उसके बाद भी किसी ने सुमत प्रसाद की समस्या पर ध्यान नहीं दिया। पांच बार सुमत प्रसाद ब्लॉक स्तर पर सहायक समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं। बावजूद इसके बंद की गई पेंशन कब शुरू होगी, इसकी जानकारी कोई देने को तैयार नहीं है।

पुरोला ब्लॉक में तैनात सहायक समाज कल्याण अधिकारी प्रणव रावत ने बताया कि सुमत प्रसाद की पेंशन को फिर से शुरू करने के लिए दो बार जिला समाज कल्याण कार्यालय को पत्र भेजा गया है। इस मामले में जिला स्तर पर ही कार्रवाई होनी है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी जीत सिंह रावत का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से अवकाश पर हूं। सुमत प्रसाद के मामले में लिपिक को निर्देश दिए गए है। जल्द इसमें कार्रवाई  होगी।

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