हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं : सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में तेजी से सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों के बीच दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने आज कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, एसिंप्टोमैटिक (बिना लक्षण) और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। अस्पताल को किसी भी हल्के या एसिंप्टोमैटिक मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के 24 घंटे के अंदर डिस्चार्ज करना होगा।वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को बताया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना (COVID19) के इलाज के लिए अब तक लगभग 8,500 बेड का इंतजाम किया है, जिनमें से करीब 45 प्रतिशत बेड अभी भरे हुए हैं।वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि टेस्टिंग को रोक दिया गया है, ये गलत है। दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 42 टेस्टिंग लैब हैं, उनमें से 36 लैब अच्छे से काम कर रही हैं, जबकि 6 लैब ठीक से काम नहीं कर रही थीं, सिर्फ 6 लैब्स के खिलाफ ही कार्रवाई हुई है। उनको कड़ी चेतावनी दे दी गई है, क्योंकि वो लैब्स ICMR गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली देश में सबसे ज्यादा टेस्टिंग कर रही है। हम चाहे जितनी टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ा दें, अगर बिना लक्षण के मरीज टेस्ट करवाने पहुंच जाएंगे तो किसी न किसी गंभीर लक्षण वाले मरीज का टेस्ट उस दिन रुक जाएगा। इस बात को सभी को समझना बहुत जरूरी है। सिर्फ लक्षणों वाले मरीजों को ही टेस्ट करवाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि आप किसी भी फ्लू क्लिनिक या कोविड टेस्टिंग सेंटर में भी टेस्ट करा सकते हैं।

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