पद्मावती विवाद पर संसदीय समिति ने मांगी रिपोर्ट, सेंसर बोर्ड 30 तक रखेंगे पक्ष

नई दिल्ली । फिल्म पद्मावती का विवाद संसद तक जा पहुंचा है। लोकसभा की समिति ने सूचना व प्रसारण मंत्रालय के साथ सेंसर बोर्ड से 30 नवंबर तक जवाब मांगा है। भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी इसके अध्यक्ष हैं।

राजस्थान भाजपा के दो सांसदों सीपी जोशी व ओम बिरला ने लोकसभा की समिति से अनुरोध किया था कि फिल्म के विवादास्पद दृश्यों पर गौर करे। जोशी का कहना है कि फिल्म पहले इतिहासकारों व राज परिवार के सदस्यों को दिखाई जानी चाहिए। वह इस पर अपनी राय देंगे तो बेहतर रहेगा।

फिल्म में दीपिका पादुकोण के साथ शाहिद कपूर व रणवीर सिंह ने मुख्य किरदार अदा किए हैं। हालांकि इतिहासकारों में इस बात को लेकर भी मतभेद है कि रानी पद्मावती थीं भी या नहीं। भाजपा शासित प्रदेशों के साथ कांग्रेस शासित पंजाब ने फिल्म के प्रदर्शन का विरोध किया है। फिल्म को पहले एक दिसंबर को रिलीज करना था, लेकिन विवादों के चलते फिलहाल इसे टाला गया है।

विवादित सीन हटने तक गुजरात में नहीं प्रदर्शित होगी फिल्म: रूपाणी

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि फिल्म पद्मावती से विवादास्पद सीन नहीं हटा दिए जाते तब तक गुजरात में फिल्म पर प्रतिबंध रहेगा। चुनाव आयोग की मंजूरी को लेकर उनका कहना था कि कानून व्यवस्था का मामला सरकार के अधीन है। मुख्यमंत्री ने बुधवार शाम को प्रदेश भाजपा के मीडिया सेंटर पर पत्रकारों को बताया कि निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म को लेकर देशभर में विवाद है।

फिल्म में इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। ऐतिहासिक व गौरवमयी चित्तौडगढ़ की महारानी की छवि को दिखाने में मान मर्यादा का खयाल नहीं रखा गया, जिससे राजपूत व अन्य समुदाय की भावना को ठेस पहुंची है। भाजपा जनभावना का खयाल करती है। विवाद निपटने तक फिल्म नहीं चलेगी। उधर, गुजरात के सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने पद्मावती पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी कर दी है।

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