Padmavati: चितौड़ के इन दो योद्धाओं के बिना अधूरी है रानी पद्मावती की कहानी

नई दिल्ली: ‘पद्मावती’ की कहानी के दो बहुत ही दिलचस्प किरदार हैं गोरा और बादल. इन दोनों के बारे में कई किस्से और कहानियां प्रचलित हैं. उन्हीं किस्सों के मुताबिक, चितौड़ के दो ऐसे योद्धा जिन्होंने अपने ही दम पर अलाउद्दीन खिलजी से लोहा लेने की ठानी थी और उसके होश भी गुम कर दिए थे. अलाउद्दीन खिलजी जब राजा रत्न सिंह से जंग में जीत नहीं पा रहा था तो उसने एक चाल चली. उसने संदेश भिजवाया कि वे अपनी रानी की एक झलक दिखा दे वह जंग बंद करके चला जाएगा. इस पर राजा को गुस्सा आ गया लेकिन पद्मावती ने उन्हें समझाया और कहा कि अगर लोगों की जान बचती है तो ऐसा करने में क्या हर्ज है.

फिर अलाउद्दीन महल में आता है और झलक देखकर लौट रहा होता है. जब रत्न सिंह उसे किले से बाहर छोड़ने जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है. अलाउद्दीन के शिविर में कैद कर लिया जाता है. इसकी जानकारी यादवेंद्र शर्मा ‘चंद्र’ की किताब में मिलती है.

इसके बाद अलाउद्दीन ने संदेश भिजवाया था कि अगर राजा की आजादी चाहते हैं तो रानी को भेज दें. रानी चित्तौड़ के महान योद्धा गोरा और बादल से सलाह करती हैं और कहती हैं कि वे आने को तैयार हैं लेकिन अपनी 700 दासियों के साथ आएंगी, जो सब अलग डोलियों में आएंगी.

बस इसके बाद रणनीति बनाई जाती है और सभी कहार और डोलियों में छंटे हुए योद्धाओं को रखा जाता है और गोरा-बादल भी जाते हैं. अलाउद्दीन के शिविर में पहुंचते ही वे हमला कर देते हैं और इस हमले से सकपका कर अलाउद्दीन के सैनिक संभल नहीं पाते हैं. गोरा-बादल राजा रत्न सिंह को छुड़ा लाते हैं. कहा जाता है कि इस जंग में गोरा और बादल शहीद हो गए थे. गोरा-बादल को लेकर राजस्थान में कई किस्से-कहानियां प्रचलित हैं. बता दें, विवादों से घिरी संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती, शाहिद कपूर राजा रत्न सिंह और रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभाएंगे.

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