उत्तराखंड के हर परिवार के एक सदस्य को मिले आंदोलनकारी का सम्मानः डॉ सोनी

देहरादून, । पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्र उत्तर प्रदेश का अभिन्य अंग था कही ना कही इस क्षेत्र की उपेक्षा होने के कारण पर्वतीय जिलों का अलग राज्य बनाने की मांग उठने लगी धीरे धीरे यह मांग आग की लपटों की तरह पूरे पर्वतीय जिलों में फैल गई और गांव के लोग एक जुट होगर जलसैलाभ की तरह अलग राज्य की मांग करने लगे। पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं उत्तराखंड राज्य बनाने में हर परिवार का योगदान रहा हैं घर के मर्द रैलियों व आंदोलन में भाग लेने चले जाते थे और गांव की बहू बेटियां जंगलो में घास काटते, गाय, भैस, बकरियां चुगाते, खेतो में काम करते आज दो अभी दो उत्तराखंड राज्य दो, खेतो को हम आबाद करेंगे राज्य तुम लेके आओगें, कोदा झंगोरा खाएंगे उत्तराखंड को अलग राज्य बनाएंगे के नारा लगाया करते थे जबकि उनकी आवाज को पेड़ पौधे, जंगल, खेत खलिहान, पशु पक्षियां सुना करते थे ऐसा जुनून था राज्य बनाने के लिए हर उत्तराखण्डी का।डॉ सोनी कहते हैं जब उत्तराखंड को अलग राज्य की मांग लेकर दिल्ली भारत सरकार के पास जा रहे थे तो माताएं, बहिने, बहु बेटियां, बुजुर्ग, नौजवान, युवा पूरा उत्तराखंड उमड़कर सड़कों पर आ गया था रामपुर तिराहा की घटना ने उत्तराखंडियों को झिगजोर कर दिया था कोई गन्ने के खेतों में छिपे तो कोई सड़को पर रात बिताते रहे भूखे प्यासे रहे। गांव के सीधे साधे लोग जेल जाने की डर व जान बचाते हुए भाग निकले आज जो ये राज्य बना है इन लोगों के कुर्वानी से बना है और आज वही उपेक्षित हैं ना ही उन्हों सम्मान मिला और ना ही उन्हें आंदोलनकारी घोषित किया।   वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी अपील करते हुए सरकार को सुझाव व मांग करते हैं उत्तराखंड राज्य को बनाने में सभी का योगदान हैं इसलिए उत्तराखंड के हर परिवार के एक सदस्य को आंदोलनकारी का सम्मान दिया जाय। कहा 2000 के ग्राम पंचायतों के परिवार रजिस्टर में अंकित परिवारों के एक सदस्य को आंदोलनकारी घोषित किया जाय यही सम्मान राज्य बनाने में अपने योगदान देने वालो का होगा ताकि वे अपने को उपेक्षित ना समझे, सरकार से सुविधा लेने के बजाय अपने आप को आंदोलनकारी होने का  सम्मान करें यही जिन्होंने राज्य बनाने में अपने प्राणों की आहूति दी हैं उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *