युवराज सिंह ने आज के ही दिन किया था ऐसा कमाल, जो टी20 में अब तक कोई नहीं कर पाया

नई दिल्‍ली: भारतीय क्रिकेट के लिहाज से 19 सितंबर का दिन बेहद खास है. इस दिन टीम इंडिया के एक खिलाड़ी ने एकएक बड़े कारनामे को अंजाम दिया था. जी हां, आप सही समझे.. युवराज सिंह ने आज ही दिन टी20 वर्ल्‍डकप-2007 में इंग्‍लैंड के खिलाफ ओवर की सभी छह गेंदों पर छक्‍के जड़ने का रिकॉर्ड बनाया था. तेज गेंदबाज स्‍टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में उन्‍होंने यह उपलब्धि हासिल की थी. इंटरनेशनल मैचों में उनके अलावा कोई अन्‍य बल्‍लेबाज यह काम नहीं कर पाया है. वैसे वनडे में दक्षिण अफ्रीका के हर्शेल गिब्‍स नीदरलैंड्स के खिलाफ ओवर की सभी गेंदों पर छक्‍के लगा चुके हैं. टी20 मैचों के लिहाज से बात करें तो युवराज का यह रिकॉर्ड अभी तक टूट नहीं सका है. अपनी इस पारी के दौरान चंडीगढ़ के खब्‍बू बल्‍लेबाज युवी ने महज 12 गेंदों पर अर्धशतक जमा दिया था. यह अभी भी इंटरनेशनल क्रिकेट का सबसे तेज अर्धशतक है.

फ्लिंटाफ से हुई बहस का गुस्‍सा युवी ने ब्रॉड पर उतारा था
टी20 वर्ल्‍डकप के इस मैच में युवराज ऐसी बल्‍लेबाजी कर रहे थे कि इंग्‍लैंड के गेंदबाज और क्षेत्ररक्षक उनके आगे डरे-सहमे नजर आ रहे थे. वैसे ब्रॉड की इस ‘जोरदार धुलाई’ के पहले युवराज की इंग्‍लैंड के हरफनमौला एंड्रयू फ्लिंटाफ से भी किसी बात पर बहस हुई थी. इस बहस के बाद युवराज के गुस्‍से के शिकार स्‍टुअर्ट ब्रॉड बन गए और वे लाचार भाव में अपनी गेंदों को सीमारेखा से बाहर छक्‍के के लिए जाते देखते रह गए.

मैच के बाद युवराज ने कहा था, उन्होंने कहा, ‘जब मेरे ओवर में पांच छक्के लगे थे तो इसके बाद मुझे जितनी संख्या में फोन आए, शायद शतक बनाने के बाद भी उतने नहीं आते. तब मैंने ईश्वर से कहा कि यह ठीक नहीं है, आपको मुझे मौका देना होगा और आज मुझे यह मौका मिल गया.’ गौरतलब है कि इंग्‍लैंड के खिलाफ मैच के दौरान युवराज एक ओवर में छह छक्‍के खाते-खाते बचे थे. 5 सितंबर 2007 को इंग्‍लैंड के ओवल में खेले गए वनडे मैच में इंग्‍लैंड के दिमित्री मस्‍करेन्‍हास ने युवी के ओवर की पांच गेंदों पर छक्‍के लगाए थे.

पिता योगराज भी भारत के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं
12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में जन्‍मे युवराज को क्रिकेट का खेल विरासत में मिला. उनके पिता योगराज सिंह भी तेज गेंदबाज की हैसियत से भारत के लिए खेले. दुर्भाग्‍य से योगराज का करियर (एक टेस्‍ट और छह वनडे ) बहुत लंबा नहीं रहा.

चंडीगढ़ में एक समय तेज गेंदबाजी में महान कपिल देव के साथ योगराज को भी काफी ऊंचा रेट किया जाता था लेकिन कपिल ने तो क्रिकेट में खूब शोहरत बटोरी लेकिन योगराज गुमनाम से रह गए. पिता के मार्गदर्शन में युवराज ने बचपन से ही कड़ी प्रैक्टिस शुरू की. योगराज ने मानो ठान लिया था कि क्रिकेटर के तौर पर देश के लिए वे जो शोहरत हासिल नहीं कर पाए वह युवराज हासिल करेंगे.

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