देश के 180 जिलों में एक हफ्ते से नहीं आया एक भी नया कोरोना केस
नई दिल्ली।भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। हर दिन कोरोना वायरस के नए केस रिकॉर्ड बना रहे हैं और रोजाना मिलने वाले कोविड केस के आंकड़े भी 4 लाख पार कर गए हैं। हालांकि, कोरोना आफत के बीच देश के कुछ जिलों के लिए राहत की भी खबर है, क्योंकि वहां बीते कुछ समय में कोरोना के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में 180 जिले ऐसे हैं, जहां बीते सात दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले 7 दिनों से देश के 180 जिलों में कोरोना का एक भी नया मामला नहीं देखा गया है। वहीं, 18 जिलों ने पिछले 14 दिनों में कोई भी मामला दर्ज नहीं किया है। इसके अलावा, पिछले 21 दिनों में 54 जिलों में कोई नया मामला नहीं देखा गया है। बता दें कि आज भी देशभर में कोरोना वायरस के 4 लाख से अधिक नए केस सामने आए और इस दौरान चार हजार से अधिक लोगों की मौतें हो गईं।वहीं, वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 17.49 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक (17,49,57,770) प्रदान की हैं। इसमें से बर्बाद हो चुकी वैक्सीन सहित कुल 16,65,49,583 खुराकों की खपत हुई है। 84 लाख से अधिक खुराकें अभी भी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं। मंत्रालय ने बताया कि अगले 3 दिनों के भीतर राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के पास 53 लाख से अधिक वैक्सीन की खुराक पहुंच जाएंगी। इधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, 37,23,446 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है जो कुल मामलों का 17.01 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 81.90 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,79,30,960 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.09 फीसदी दर्ज की गई है।देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख को पार कर गई थी। वहीं कोविड-19 मरीजों की संख्या 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी। इसके बाद 28 सितंबर को कोविड-19 के मामले 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख, 19 दिसंबर को एक करोड़ के पार हो गए थे। भारत ने चार मई को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए दो करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था।