अब रेल मंत्री जी की परिक्रमा नहीं कर सकेंगे बड़े साहब, जानिए क्‍यों

नई दिल्ली । बिना काम के रेल मंत्रालय की परिक्रमा करने वाले अधिकारियों पर रोक लगा दी गई है। यदि उन्हें किसी जरूरी काम से वहां जाना भी पड़े तो विभिन्न अधिकारियों के कार्यालय में चक्कर लगाने के बजाय अपना काम निपटाकर वापस जाना होगा।

यही नहीं, रेल मंत्री से मुलाकात बिना अनुमति संभव नहीं हो सकेगी। इसके लिए रेलवे बोर्ड की ओर से सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों और रेल से जुड़े अन्य उपक्रमों को हिदायत जारी कर दी गई है।

अक्सर कई अधिकारी रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड में तैनात उच्चाधिकारियों से मिलने का बहाना ढूंढते रहते हैं। यदि वहां जाने का मौका मिल जाता है तो अपना काम निपटाने के साथ ही अन्य अधिकारियों के पास जाकर हाजिरी लगाने से नहीं चूकते, ताकि भविष्य में उनका कोई काम हो तो उसे कराया जा सके। कई बार तो बिना किसी काम के भी अधिकारी रेल भवन में पहुंच जाते हैं।

इस तरह के अधिकारियों पर अब अंकुश लगाने की तैयारी कर ली गई है। इसे लेकर पिछले दिनों रेलवे बोर्ड के संयुक्त सचिव ने महाप्रबंधकों और अन्य अधिकारियों को पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि अक्सर जोन और सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारी बिना समय लिए रेल मंत्री से मिलने की कोशिश करते हैं।

भविष्य में रेल मंत्री से सिर्फ वही लोग मिल सकेंगे जिन्होंने इसके लिए पहले से समय लिया होगा। लिहाजा, यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी रेल मंत्री से मिलना चाहता हैं तो उसे इसके लिए उनके कार्यालय में संपर्क कर समय लेना होगा।

वहीं, यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी कार्यालय के काम से रेल भवन आता है तो उसे संबंधित अधिकारी से ही मिलने की अनुमति होगी। वह अन्य अधिकारियों के कार्यालय में बिना वजह नहीं जाएगा। इसके साथ ही दफ्तरी काम के लिए रेल भवन में पहुंचने वाले रेल कर्मियों की संख्या में भी कमी करने पर विचार किया जा रहा है।

रेल अधिकारियों का कहना है कि दरअसल बिना वजह रेल भवन में चक्कर लगाने वालों से बोर्ड में तैनात अधिकारियों को परेशानी होती है। इसके साथ ही अधिकारी बोर्ड की परिक्रमा करने के चक्कर में अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभाते हैं। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है, इसलिए उन्हें अपने कार्य स्थल पर ज्यादा समय देने को कहा गया है।

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