किसी भी राज्य में किसी भी भाषा को नहीं थोपा जायेगा: निशंक
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नयी शिक्षा नीति के प्रारूप में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल कर सभी राज्यों के लोगों को हिंदी भाषा सीखने के लिये बाध्य करने की आशंकाओं को खारिज करते हुये कहा है कि किसी भी राज्य में किसी भी भाषा को नहीं थोपा जायेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि सरकार सभी भारतीय भाषाओं के समान विकास और संवर्धन के लिये प्रतिबद्ध है।उन्होंने नयी शिक्षा नीति के प्रारूप में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल कर सभी राज्यों के लोगों को हिंदी भाषा सीखने के लिये बाध्य करने पर सरकार द्वारा विचार करने के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘किसी भी राज्य में किसी भी भाषा को नहीं थोपा जायेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने हेतु गठित समिति ने मंत्रालय को गत 31 मई को मसौदा सौंप दिया है। इस पर सभी पक्षों से सुझाव मांगने के लिये सार्वजनिक कर दिया गया है। इस पर 31 जुलाई तक सुझाव मिलने के बाद इन पर विचार विमर्श कर इस नीति को लागू किया जायेगा।