विजय माल्या पर नए प्रतिबंध

विजय माल्या पर प्रतिबंधों का शिकंजा और सख्त हो गया है। कैपिटल बाजार नियामक सेबी ने माल्या पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। सेबी ने उसे तीन साल की अतिरिक्त अवधि के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। अगले पांच साल तक वह किसी लिस्टेड कंपनी का निदेशक भी नहीं बन सकेगा। सेबी ने यह कार्रवाई यूनाइटेड स्पिरिट्स लि. (यूएसएल) में
अवैध रूप से धन निकालने के मामले में की है। सेबी ने कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक अशोक कपूर और पूर्व सीएफओ पीएस मुरली पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाया है। सेबी ने जनवरी 2017 में अवैध रूप से धन निकालने के केस में अंतरिम आदेश जारी करके माल्या और कपूर व मुरली समेत कंपनी के छह पूर्व अधिकारियों को शेयर बाजार से प्रतिबंधित किया था। इस आदेश के अनुसार ये लोग शेयर बाजार में किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेंगे। सेबी से जारी नए आदेश में कहा गया है कि माल्या तीन साल तक शेयर बाजार से प्रतिबंधित रहेगा। वह किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक का पद भी नहीं ले सकेगा। माल्या ने यूएसएल के चेयरमैन व नॉन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर फरवरी 2016 में इस्तीफा दिया था। यूएसएल का डियाजियो के साथ समझौता होने के बाद माल्या ने पद छोड़ा था। वह इस समय ब्रिटिश अदालत में फ्रॉड और मनी लांड्रिंग आरोपों पर केस लड़ रहा है। भारत सरकार माल्या का प्रत्यर्पण चाहती है ताकि कानूनी कार्रवाई की
जा सके।सेबी ने अपने आदेश में कपूर और मुरली को एक साल के लिए निदेशक पद लेने से प्रतिबंधित किया है। हालांकि चार अन्य अधिकारी एसएन प्रसाद, परमजीत सिंह गिल, आयनापुर एसआर और स्वामीनरायणन को लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है।

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