GST का असर, जून में ही वैट विभाग की मनवाई दीपावली, धन की हुई बारिश
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने दिल्ली के वैट विभाग को चार माह पहले ही दीपावली मनाने का मौका दे दिया है। वैट कर के रूप में दिल्ली सरकार के खजाने में जमकर धन की बारिश हुई है। अकेले जून में वैट कर वसूली में रिकॉर्ड करीब 20 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जीएसटी जुलाई से लागू हुआ है। वैसे, त्रैमासिक वैट रिफंड भरने की अंतिम तिथि बढ़ाकर वैट विभाग ने 17 अगस्त कर दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि जून की वैट वसूली के आंकड़ों में और इजाफा हो सकता है।
जून में आ गई दीपावली
वैट विभाग के साथ ही बाजार के जानकार जून में अधिक वैट राजस्व के पीछे कारोबारियों द्वारा नई कर प्रणाली जीएसटी को अपनाने से पहले पुराना स्टॉक हटाने को लेकर ग्राहकों को दी गई छूट की पेशकश रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर जूते, परिधानों यहां तक की वाहनों पर बंपर छूट की पेशकश की गई थी। किसी-किसी उत्पादों पर यह छूट 50 से 70 फीसद तक थी। जिसके कारण ग्राहकों ने भी बाजारों का रुख किया और जमकर खरीदारी की। ऐसा अमूमन दीपावली में ही होता है, लेकिन यह मौका इस बार जून में भी आ गया।
वैट विभाग के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष के जून माह में जहां दिल्ली के व्यापारियों ने 1,825 करोड़ रुपये वैट के रूप में जमा कराया था, वहीं इस वर्ष जून में बढ़कर यह 2,151 करोड़ रुपये हो गया है। त्रैमासिक वैट रिफंड (अप्रैल से जून तक) की अंतिम तिथि 28 जुलाई तक थी।
13 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान
हालांकि, जीएसटी को अपनाने में व्यस्तता की दलील देते हुए कारोबारी संगठनों ने वैट विभाग से अंतिम वैट रिफंड जमा करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद इसे बढ़ाकर 17 अगस्त कर दिया गया है। जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक इस त्रैमासिक वैट वसूली में 13 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान है। बता दें कि जुलाई माह से वैट की जगह जीएसटी ने जगह ले ली है।
जीएसटी भरेगा दिल्ली सरकार का खजाना
वैट की तरह जीएसटी भी दिल्ली सरकार का खजाना भरने में कारगर साबित होगा। एक माह के भीतर जहां 80 फीसद रजिस्टर्ड दुकानदार जीएसटी प्लेटफार्म पर आ चुके हैं। वहीं 60 हजार नए कारोबारी पंजीकृत हुए हैं। वैट आयुक्त एच राजेश प्रसाद के मुताबिक वैट में 4 लाख 20 हजार 530 व्यापारी पंजीकृत थे।
3 लाख 36 हजार 379 कारोबारी अपना चुके हैं
वहीं जीएसटी प्लेटफार्म को अब तक 3 लाख 36 हजार 379 कारोबारी अपना चुके हैं। बचे हुए कारोबारी 20 लाख रुपये सालाना कारोबार के नीचे वाले हो सकते हैं। वैट आयुक्त ने बताया कि जीएसटी को लेकर दिल्ली के बाजारों में सकारात्मक रुख है। करीब 15 हजार नया पंजीकरण प्रक्रिया में है। अब भी जीएसटी को लेकर दुकानदारों को जागरूक किया जा रहा है।