आशीष खेतान की याचिका पर हाई कोर्ट ने पूछा, जान के खतरे को मापने के क्या हैं मापदंड

नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट में आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान की याचिका पर गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर पूछा गया कि सुरक्षा की मांग करने वाले लोगों पर जान के खतरे की समीक्षा के क्या मापदंड अपनाए जाते हैं।

दिल्ली डायलॉग कमीशन के अध्यक्ष आशीष खेतान ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें दक्षिणपंथी राजनीतिक दलों से जान का खतरा है। उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। मांग की गई कि सुरक्षा को लेकर मिली याचिकाओं के निपटारे के संबंध में गृह मंत्रालय और पुलिस दिशा निर्देश जारी करे। इसी आधार पर लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

9 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने याचिका पर केंद्र और पुलिस से पूछा कि क्या इस संबंध में पहले से कोई दिशा निर्देश हैं। मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी। खेतान की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मसला किसी एक व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया कराने से नहीं जुड़ा है।

खेतान कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते हैं

खेतान कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते हैं। इसके बावजूद भी न तो पुलिस और न ही उनके मुखिया ने इस बाबत की गई शिकायत पर कार्रवाई की। केवल मांग की गई थी कि मौजूदा समय को देखते हुए जान के खतरे की समीक्षा की जाए। इससे पहले यह याचिका खेतान ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लगाई थी। उन्हें हाई कोर्ट जाने के लिए कहा गया।

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