UP विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने खेला ‘ट्रंप कार्ड’

नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने एक और राजनीतिक दांव खेला है। केंद्र सरकार ने संसद में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक के पास होने के बाद जहां राज्यों को एक बार फिर ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा। वहीं, इसे सरकार की पिछड़ों में पकड़ और मजबूत करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस विधेयक का समर्थन करने का ऐलान कर चुका है। ऐसे में सरकार को संविधान संशोधन पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इस विधेयक के पारित होने के बाद हरियाणा में जाट, महाराष्ट्र में मराठा, कर्नाटक में लिंगायत और गुजरात में पटेल को ओबासी में शामिल करने का अधिकार राज्यों को मिल जाएगा। इसका असर राज्यों की सियासत पर पड़ेगा और भाजपा वोट में बदलने की कोशिश करेगी।अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर मोदी सरकार का यह दूसरा बड़ा फैसला है। इससे पहले सरकार ने मेडिकल के केंद्रीय कोटे में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया था।दरअसल, उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। यादव को छोड़कर दूसरी पिछड़ी जातियां भाजपा को वोट करती रही हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में बड़ी तादाद में ओबीसी ने भाजपा को वोट दिया था। इसलिए,भाजपा अपना जनाधार मजबूत कर रही है। यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों की नजर पिछड़ा वर्ग पर है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर ओबीसी मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, बसपा ने ओबीसी जनगणना की मांग कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। ऐसे में ओबीसी भाजपा से छिटकता है, तो चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है। इसलिए, भाजपा अपना वोट बैंक बरकरार रखना चाहती है।

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