मोदी और अमित शाह ने इतिहास रच दिया,सात दशक पुराना मिथक टूटा

जम्मू। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने का जश्न जम्मू में निषेधाज्ञा के बावजूद लोग मना रहे हैं। लोग ने यहां ढोल बजाये और मिठाइयां बांटी। लोगों ने इस कदम को ‘साहसिक’, ‘ऐतिहासिक’ और ‘महत्वपूर्ण’ बताया। उनका कहना है कि इससे क्षेत्र को न्याय मिला है जो हमेशा राजनीतिक ढांचे की वजह से भेदभाव का शिकायत करते आया है। रविवार रात से जम्मू-कश्मीर में सीआरपीसी की धारा 144 लगी हुई है जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एक साथ जमा होने को प्रतिबंधित किया जाता है। इस निषेधात्मक आदेश के बाद भी बोहरी, मुथी, न्यू प्लॉट, त्रिकुट नगर में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे थे और मिठाइयां बांट रहे थे।लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा में नारेबाजी की। जम्मू के उद्यमी ने कहा कि मैं खुश हूं, भावुक हूं। अमित शाह द्वारा की गई इस घोषणा से मेरे रोंगटे खड़े हैं। पहली बार मुझे भारत का हिस्सा होने का अहसास हो रहा हूं। वहीं बख्शीनगर के रहनेवाले पवन गुप्ता नाम के एक शिक्षक ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को विश्वास ही नहीं था कि उनकी जिंदगी में ऐसा भी दिन आएगा। गुप्ता ने कहा कि यह फैसला हमारा भाग्य बदलने जा रहा है। अब हम अपना फैसला करने वाले स्वयं होंगे। हमारे साथ पिछले सात दशकों से भेदभाव होता आया है। राज्य के भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने इतिहास रच दिया है। यह ऐतिहासिक फैसला राष्ट्र के हित में है। मोदी ने जम्मू के लोगों का दर्द समझा है।

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