मैक्सिको में आया 7.1 तीव्रता का भीषण भूकंप, 140 लोगों की जान गई

मेक्सिको सिटी में शक्तिशाली भूकंप का झटका आया, जिससे दो करोड़ लोगों की आबादी वाला शहर थर्रा गया. यह भूकंप 1985 के विनाशकारी भूकंप की 32वीं बरसी पर आया है. इसमें 140 लोगों की मौत हो गई है. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है. जैसे-जैसे मलबा हटेगा, वैसे ही हताहतों की सही संख्या का अंदाजा हो पाएगा. भूकंप के चलते शहर की कई इमारतें गिर गई है. भूकंप के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया है और राहत व बचाव कार्य जारी है.

मेयर मिगुएल एंजल मानसेरा ने बताया कि अकेले राजधानी में 44 जगहों पर इमारतें ध्वस्त हुई हैं. बचाव कर्मी मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रयासरत हैं. शहर के दक्षिण में एक प्राथमिक स्कूल की इमारत आंशिक रूप से ध्वस्त हो गई. बचाव कर्मी वहां देख रहे हैं कि कहीं कोई बच्चा मलबे में तो नहीं फंसा है. कुछ परिजन का कहना है कि उन्हें अंदर फंसी दो लड़कियों के व्हाट्सएप संदेश मिले हैं.

मैक्सिको में वर्ष 1985 में इसी तारीख को भीषण भूकंप आया था जिसमें हजारों लोग मारे गए थे. इस भूकंप से ठीक दो सप्ताह पहले देश के दक्षिण में आए एक अन्य शक्तिशाली भूकंप में 90 लोग मारे गए थे. राष्ट्रीय असैन्य रक्षा एजेंसी के प्रमुख लुइस फेलिप पुएन्टे ने मंगलवार की रात एक ट्वीट कर पुष्टि की कि भूकंप में 139 लोगों की मौत हो गई है.

उन्होंने ट्वीट में कहा कि मैक्सिको सिटी के दक्षिण में मोरेलास राज्य में 64 लोगों की मौत हुई है. स्थानीय अधिकारियों ने यहां मृतक संख्या 54 बताई है. पुएन्टे ने बताया कि इसके अलावा राजधानी में 36 लोग, पुएब्ला राज्य में 29 लोग, मैक्सिको राज्य में नौ और गुएरेरो राज्य में एक व्यक्ति की मौत हुई है. मानसेरा ने बताया कि मैक्सिको सिटी में नागरिकों और आपात सहायता कर्मियों ने 50 से 60 लोगों को जीवित निकाला है. अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में कम से कम 70 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.

संघीय गृह मंत्री मिगुएल एंजेल ओसोरियो चोंग ने बताया कि अधिकारियों को अब भी मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि मलबे की प्रकृति की वजह से खोज अभियान की गति धीमी है.

कुछ ही दिन पहले भी जबरदस्त भूकंप से दक्षिण मैक्सिको में जनजीवन पर खासा प्रभाव पड़ा था.दक्षिण मैक्सिको में आए 8.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 90 से ज्यादा लोग मारे गए थे. इस भूकंप के बाद ही लोग इतना घबरा गए थे कि घरों से बाहर रह रहे थे. इसके कारण हजारों घरों और स्कूलों को नुकसान पहुंचा था. यही नहीं इस भूकंप के बाद ही लगातार भूकंप के झटके आ रहे थे.

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