कांजी हाउस की दुर्दशा से महापौर क्षुब्ध

देहरादून। नगर निगम के कांजी हाउस और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण को गए महापौर सुनील उनियाल गामा का पारा टूटी टाइलें देखकर चढ़ गया। निर्माण में गुणवत्ता को ताक पर रखकर वहां घटिया टाइलें लगाई गई थी। जो टूटी पड़ी थी और उनके नीचे पानी भरा हुआ था। महापौर ने अधिशासी अभियंता को आड़े हाथों लेते हुए तत्काल इसे ठीक कराने के निर्देश दिए। यही नहीं, पशुओं को दिए जा रहे चारे में भी घोटाले की आशंका सामने आई है। महापौर ने संबंधित अधिकारियों का स्पष्टीकरण तलब किया है। महापौर ने चेतावनी भी दी कि नगर निगम के किसी भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महापौर बनने के बाद गामा पहली बार केदारपुरम में निगम के कांजी हाउस गए। कांजी हाउस में जिम्मेदारी संभाल रहे पशु चिकित्साधिकारी डा. वी सती ने बताया कि पशुओं को रोजाना 13.5 कुंतल भूसा और 16 कुंतल हरी घांस उपलब्ध कराई जा रही है। निरीक्षण में महापौर को पशु भूखे नजर आए। उन्होंने अधिकारियों से जवाब तलब किया कि जब पर्याप्त चारा उपलब्ध कराने के दावे किए जा रहे तो पशु भूखे क्यों हैं। इस पर अधिकारी बगलें झांकने लगे। चारे में घपले की आशंका को देखते हुए अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी को तमाम रेकार्ड जांचने के निर्देश दिए गए। उन्होंने पशुओं को पर्याप्त चारा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बताया गया कि कांजी हाउस में 280 गौवंश मौजूद मिले। इसके बाद महापौर ने एबीसी सेंटर का निरीक्षण किया। यहां कैनल ए ब्लाक के सामने टाइलें टूटी और उनके नीचे पानी व कीचड़ भरा मिला।

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