जनहित में मैक्स अस्पताल दे रहा सेवाएं
देहरादून/सहारनपुर, । मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून की जानी-मानी तथा क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ र्युमेटोलोजिस्ट डॉ सौम्या जैन सहारनुपर और देहरादून में एक साथ अपनी कन्सलटेशन सेवाएं प्रदान कर रही है। मैक्स अस्पताल, देहरादून से विशेषज्ञ डॉक्टर नियमित रूप से मैक्स मैड सेंटर, सहारनपुर आकर यहां के स्थानीय लोगों को मेडिकल कन्सलटेशन सुविधाएं प्रदान करते हैं।डॉ जैन के अनुसार ‘‘एक र्यूमेटोलोजिस्ट आथ्राइटिस की रोकथाम और इलाज में मदद करता है, ताकि मरीज़ को सर्जरी की स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सके। र्युमेटोलोजिस्ट आथ्राइटिस, ऑटो-इम्यून रोगों, जोडों के दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज करता है। ऐसी 200 से ज़्यादा बीमारियां हैं जिनमें र्युमेटॉइड आथ्राइटिस, ऑस्टियोआथ्राइटिस, गठिया, ल्यूपस, पीठ का दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस और टेंडीनाइटिस शामिल है। र्युमेटोलोजिस्ट 100 से ज़्यादा प्रकार के आथ्राइटिस की जांच और इलाज कर सकता है। भारत में आज भी प्रशिक्षित और अनुभवी र्युमेटोजिस्ट्स की कमी है।
अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो र्युमेटोलोजिस्ट की सलाह लें
कई जोड़ों में दर्द
जोड़ में कोई नया दर्द जो किसी चोट के कारण न हो
जोड़ों में सुबह के समय अकड़न, बुखार, थकान, रैश, छाती में दर्द
जोड़ों में दर्द और इसके बाद टिक बाईट (काटने का निशान)
पीठ में दर्द
जोड़ में दर्द के साथ सोरिएसिस
पेशियों में दर्द, इसके साथ कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।
सिर में नया दर्द, पेशियों में दर्द और खासतौर पर अगर यह 50 साल की उम्र के बाद हो
पीठ में दर्द, इसके साथ टांगों में दर्द भी हो सकता है।
बिना किसी कारण के बुखार, पसीना आना, वज़न कम होना,
डॉ जैन ने कहा, ‘‘कई प्रकार की र्युमेटिक बीमारियों को शुरूआती अवस्था में पहचानना आसान नहीं होता। सही निदान के लिए दर्द और सूजन का कारण समझना ज़रूरी है ताकि मरीज़ को सही समय पर सही इलाज मिल सके। ऐसी कुछ बीमारियों के मामले में इलाज जल्दी शुरू करने से बहुत फायदा होता है। इसलिए ज़रूरी है कि मरीज़ जल्द से जल्द डॉक्टर के पास आए।’’
इस क्षेत्र में र्युमेटिक बीमारियों की बात करें तो र्युमेटोइड आथ्राईटिस सबसे आम है, यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें मरीज़ की अपनी कोशिकाएं, विशेष रूप से श्वेत रक्त कोशिकाएं, शरीर के अन्य हिस्सों पर हमला करने लगती हैं।
र्युमेटोइड आथ्राइटिस के मरीज़ के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम को आपसी तालमेल में काम करना होता है। हर मरीज़ की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए उसे इलाज दिया जाता है, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज़ दवाओं को कहां तक सहन कर सकता है या दवाओं के लिए कैसे प्रतिक्रिया देता है।
यह सच है कि र्युमेटोइड आथ्राइटिस के इलाज के लिए निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन आप इसकी रोकथाम कर सकते हें, इसके जोखिम को कम कर सकते हैं या इसके लक्षणों की शुरूआत में देरी की जा सकती है। यहां हम आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैंः।
कुछ देर धूप में रहें
सुनिश्चित करें कि आपके शरीर में विटामिन डी का स्तर सही रेंज में – 50 से 70 एमजी /एमएल हो।
शारीरिक व्यायाम करें
र्युमेटॉइड आथ्राइटिस से बचने या इसके लक्षणों को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है सक्रिय जीवनशैली। हालांकि हर तरह का व्यायाम इसमें कारगर नहीं होता। व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।
धूम्रपान से बचें
धूम्रपान र्युमेटोलोजी की संभावना को दोगुना कर देत है।
जांच करवाएं
अगर आपके माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को यह समस्या है तो आपमें इसकी संभावना अधिक है। इसलिए नियमित रूप से जांच करवाते रहें।
कैफीन का सेवन कम मात्रा में करें
वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि र्युमेटोलोजी आथ्राइटिस और टॉक्सिन्स के बीच कुछ संबंध है। कृत्रिम कीटनाशक, ओर्गेनिक सोल्वेन्ट, फॉर्मेल्डिहाईड और भारी धातु जैसे कैडमियम और मर्करी र्युमेटोलोजी आथ्राइटिस का कारण हो सकते हैं।