सरकार और अधिकारी में खींची तलवार, क्या अब ‘वीकली’ होगी दिल्ली सरकार?

नई दिल्ली: दिल्ली में चुनी हुई सरकार और उसके अधिकारियों में तलवारें खिंची हुई हैं. अफसरों ने ऐलान कर रखा है कि अब किसी भी मंत्री या विधायक से वो कोई मुलाक़ात नहीं करेंगे. केवल लिखित संवाद करेंगे. इसके जवाब में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक आदेश जारी कर कहा है कि विभाग के सचिव हर हफ़्ते सभी महत्वपूर्ण प्रस्ताव या मामलों पर उनकी स्टेटस रिपोर्ट पेश करें. मनीष सिसोदिया ने ट्रांसेक्शन ऑफ बिज़नेस रूल्स (दिल्ली में सरकार चलाने वाली नियमावली) का हवाला देते हर सोमवार को शिक्षा, कला संस्कृति और भाषा विभाग के सचिव को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.

इस आदेश का मतलब ये है कि इस समय अधिकारी केवल लिखित संवाद कर रहे हैं और मंत्री या विधायक के साथ किसी भी बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं. ऐसे में अगर मंत्री को कोई भी काम करवाना है तो उसे अधिकारी को लिखकर देना पड़ेगा. अब अधिकारी उस लिखित आदेश या संवाद का जवाब अपनी मर्ज़ी और सहूलियत से देगा. यानी दिल्ली में सरकार ठप्प समझिए. लेकिन इस आदेश के तहत अधिकारी बाध्य होंगे कि उनको हर हफ्ते किसी भी अहम प्रस्ताव या काम की रिपोर्ट देनी होगी जो मुख्यमंत्री और एलजी को भी जाएगी.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस आदेश में कहा गया है कि ‘ट्रांजैक्शन ऑफ बिज़नेस दिल्ली सरकार रूल्स 1993 के के रूल 17 के मुताबिक ये निर्देश दिया जाता है कि सचिव हर हफ्ते अपने विभाग से जुड़े सभी अहम प्रस्ताव/मामले की स्टेटस रिपोर्ट, हर हफ़्ते की गईं प्रगति, कब तक ये काम पूरा होगा और काम मे आ रही समस्या और कॉर्डिनेशन की ज़रूरत बताएं. अगर सचिव के अपने विभाग का मामला किसी दूसरे विभाग में लंबित है तो उस ये सचिव की ज़िम्मेदारी है कि वो मौजूदा स्टेटस पता करे और देरी का कारण बताये और रिपोर्ट में शामिल करे. सिर्फ ये कह देने से काम नही चलेगा कि मामला दूसरे विभाग में लंबित है’.

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