ममता ने फिर उठाया तीसरे मोर्चे का मुद्दा

सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस को दरकिनार करके तीसरे मोर्चे का मुद्दा फिर उठा दिया। देश की चार लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में विपक्ष को मिली शानदार जीत से खुश मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर से फेडरल फ्रंट (तीसरा मोर्चा) को हवा दे दी। सिलीगुड़ी स्थित मिनी राज्य सचिवालय उत्तर कन्या में उन्होंने कहा कि 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में 10 में भाजपा की हार हुई है। जो दल जहां मजबूत था, वहां उसकी जीत हुई है। इसे देखते हुए जो दल जहां मजबूत है, उसे सभी विपक्षी दलों को सहयोग करना चाहिए। ममता ने फेडरल फ्रंट के औपचारिक गठन व गठबंधन की संभावनाओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि गठबंधन को अकेले नहीं बल्कि संयुक्त रूप से आगे बढ़ाना होगा। राजनीतिक दलों को मिलकर इसके लिए सैद्धांतिक तौर पर निर्णय लेना होगा। ममता ने महाराष्ट्र में शिवसेना व राकांपा, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगुदेशम पार्टी, तमिलनाडु में डीएमके व आइडीएमके, कर्नाटक में कांग्रेस व जनता दल सेक्युलर, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल व उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा, राष्ट्रीय लोकदल व कांग्रेस का सहयोग लेते हुए गैर-भाजपा विरोधी दलों को साधने की कोशिश करते हुए कहा कि नतीजे भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी।
पश्चिम बंगाल की महेशतला विधानसभा सीट पर पार्टी को मिली जीत को लोकतंत्र की जीत बतलाते हुए उन्होंने कहा कि इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और माकपा ने चुनाव लड़ा था। पिछली बार हम 12 हजार वोट से जीते थे। इस बार 62 हजार वोटों से जीते।

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