बेशुमार खूबियों से लैस है मजेंटा लाइन मेट्रो
नोएडा : नोएडा से दिल्ली के कालका जी मंदिर तक जाने वाली मजेंटा लाइन मेट्रो बेशुमार खूबियों से लैस है। 25 दिसंबर की दोपहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजेंटा लाइन का उद्घाटन करेंगे
इस अनुभाग के नौ स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा प्लेटिनम के तौर पर प्रमाणित किया गया है। इनकी छत पर 908 किलोवाट के सौर संयंत्र लगाए गए हैं। प्रायोगिक परियोजना के तौर पर कालका जी मंदिर के मजेंटा और वायलेट लाइन स्टेशनों के बीच एक संपर्क प्रदान करने वाले एफओबी पर 25 किलोवाट क्षमता का एक संयंत्र लगाया गया है, जो सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करेगा। इसके अलावा कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन की छत पर 1077 किलोवाट पीक स्थापित किया गया है।
एनसीआर का पहला इंटरचेंज
एनसीआर में नोएडा का बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन एनसीआर का पहला इंटरचेंज बन गया है। ब्लू लाइन को जोड़ने के लिए एलिवेटड प्लेटफार्म को तीन स्थानों से इंटर कनेक्ट किया गया है। वहीं, प्रथम तल पर दो स्थानों से इंटर कनेक्ट किया गया है। मजेंटा लाइन के प्लेटफार्म पर प्रवेश के लिए 12 प्रवेश द्वार बनाए गए है। मुसाफिरों को बाहर जाने के लिए ब्लू लाइन के गेटों का प्रयोग करना होगा। यहां से निकलने के लिए 12 एक्जिट गेट है। दोनों स्टेशनों को जोड़ने वाले कॉरिडोर पर पैदल चिह्न बनाए गए हैं।
सीसीटीवी कैमरे
मजेंटा लाइन की मेट्रो भी ब्लू लाइन की तुलना में काफी अलग है। सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक कोच में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा प्रत्येक के कोच के बाहर दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ट्रेन में तीन रंग की चेयर के साथ प्रत्येक कोच में 40 से 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
स्टैंडर्ड गेज पर संचालित होगी मजेंटा लाइन
डीएमआरसी की यह पहली मेट्रो लाइन है, जो स्टैंडर्ड गेज पर आधारित है। यह ट्रैक ब्लू लाइन से अलग है। ब्लू लाइन ब्राड गेज पर आधारित है। स्टैंर्ड गेज होने से मेट्रो के अंदर मुसाफिरों को अधिक स्थान मिलेगा। यानी इसकी क्षमता काफी ज्यादा होगी।
चालकरहित
डीएमआरसी के प्रवक्ता के मुताबिक विश्र्व में अभी तक 3 हजार किलोमीटर के ट्रैक पर सीबीसीटी तकनीकी पर आधारित चालक रहित मेट्रो चल रही है। देश में यह पहला प्रयोग है। जहां चालक रहित मेट्रो है। लेकिन दो वर्ष तक इसको मैन्यूली आपरेट किया जाएगा।
इको फ्रेंडली हैं स्टेशन
रूट के सभी नौ मेट्रो स्टेशन इको फ्रेंडली बनाए गए हैं। स्टेशनों पर पानी की कम खपत के लिए फिक्स्चर जैसे ड्यूल फ्लश कम बहाव वाले नल, पानी रहित पेशाब घर बनाए गए हंै। जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन के लिए पिट बनाया गया है। जहां वायाडक्ट पर बारिश का पानी एकत्र किया जाता है। इससे भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी।