टिड्डी दल भारत के कई राज्यों में प्रवेश कर चुका

उत्तरप्रदेश/ गोरखपुर। प्रवासी कीट यानी टिड्डी दल पाकिस्तान होते हुए भारत के कई राज्यों में प्रवेश कर चुका है। हालांकि सरकार की ओर से इसे रोकने और मारने के लिए कई प्रयास किए जा चुके हैं। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग के रिटायर विभागाध्यक्ष और जूलॉजी में कीट विज्ञान शाखा के अध्यक्ष रह चुके  प्रो. राजेंद्र सिंह बताते हैं कि टिड्डियां हमला करने के दौरान बेहद आक्रामक हो जाती हैं। इनके शरीर का रंग व आकार बदल जाता है। हमले के दौरान टिड्डियों के प्रजनन की क्षमता 100 गुना तक बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि टिड्डियों के हमले मुख्यतः शुष्क क्षेत्रों में होते हैं। यही वजह है अफ्रीका से होते हुए अफगानिस्तान, पाकिस्तान के जरिए भारत में प्रवेश कर रही हैं। वह गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत शुष्क प्रदेशों में खेतों की खड़ी फसल को चट कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह एक स्थान पर रहती हैं। कभी-कभी यह तेजी से हमला करती हैं। इस दौरान उनके शरीर की संरचना बदल जाती है। हरे-पीले रंग की टिड्डियों के शरीर का रंग बदल कर हल्का भूरा व गुलाबी हो जाता है। माइग्रेशन के दौरान पिछले पैरों की हड्डियों का आकार भी बदल जाता हैं। इतना ही नहीं, इनकी प्रजनन की क्षमता माइग्रेशन के दौरान 100 गुना तक बढ़ सकती है। ये जहां भी रुकती हैं, वहां अंडे जरूर देती हैं। इन अंडे को वे गड्ढों में दबा देती हैं। जहां से 15 से 20 दिन बाद अंडे फूटने लगते हैं।

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