लॉकडाउन: चार दशक के इतिहास में पहला मौका, जब नहीं होगा भाजपा के स्थापना दिवस पर कोई कार्यक्रम
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्जी (भाजपा) का सोमवार को स्थापना दिवस है, लेकिन पार्टी कोई कार्यक्रम आयोजन नहीं करेगी। ऐसा देश में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से हो रहा है। पार्टी के पिछले चार दशक के इतिहास में यह पहला मौका है जब स्थापना दिवस पर सब कुछ सूना-सूना रहेगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर कोरोना का खतरा और लॉकडाउन न होता तो फिर पार्टी पूरे जोशोखरोश के साथ स्थापना दिवस मनाती। जिले से लेकर मंडल स्तर पर आयोजन होते। पार्टी ने स्थापना दिवस की जगह अब पूरा फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस अपील पर किया है, जिसमें उन्होंने पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए दिया जलाने पर जोर दिया है। इसको लेकर कार्यकतार्ओं को पार्टी ने निर्देश दिए हैं।भारतीय जनता पार्टी की स्थापना छह अप्रैल, 1980 को हुई थी। इस समय भाजपा अपने सबसे मजबूत दौर से गुजर रही है। लगातार दूसरी बार पाटीर् पूर्ण बहुमत से केंद्र की सत्ता में है। पाटीर् के पास अकेले 303 लोकसभा सांसद हैं। 1984 में अपने पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा को महज दो लोकसभा सीटें मिलीं थीं। धीरे-धीरे भाजपा राष्ट्रीय राजनीति में खुद को मजबूत करती नजर आई। 1989 में पार्टी ने 85 तो 1991 में राम मंदिर आंदोलन की लहर में 120 सीटें जीतने में सफल रही थी। भाजपा को 1996 में 161 और 1998 में 182 सीटें मिलीं। भाजपा ने 2014 में 282 सीटों के साथ अपने दम पर सरकार बनाई तो 2019 में और दमदार जीत मिली। पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले 303 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता हासिल की है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद का यह पहला स्थापना दिवस समारोह होता, ऐसे में लाजिमी है कि पार्टी बड़े पैमाने पर आयोजन करती। मगर लॉकडाउन के कारण आयोजन नहीं करने का निर्णय किया गया।भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने एजेंसी से कहा, ” किसी तरह के सामूहिक कार्यक्रम नहीं होंगे।