लॉकडाउन : वाहन चालक परिवारों पर रोटी का संकट 

देहरादून,। कोरोना वायरस के कारण इस बार उत्तराखंड के पर्यटन सेक्टर को बड़ा नुकसान हुआ है। इस सेक्टर में खासकर चारधाम यात्रा लगभग इस बार ठप हो गई है इसके चलते यात्रा और पर्यटन से जुड़े टैक्सी और मैक्सी वाहन चालकों को काफी नुकसान हुआ है। हालत तो यह है कि आज ये टैक्सी संचालक सड़कों पर आ गए हैं क्योंकि इस बार न यात्रा हुई है और ना ही पर्यटक। अब यह टैक्सी मैक्सी वाहन चालक और इनके मालिक भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। यही वजह है कि टैक्सी चालकों ने राज्य सरकार से राहत पैकेज की मांग की है। वहीं टैक्सी मैक्सी वाहन चालकों ने सरकार से मांग की है कि उनको टैक्स, बैंक लोन और फिटनेस पर रियायत दी जाए।  पूरे उत्तराखंड में इस समय लगभग 62 हजार से ज्यादा टैक्सी मैक्सी वाहन हैं और इनसे राज्य सरकार को करोड़ों का राजस्व सरकारी खजाने में जाता है। इस साल कोरोना महामारी की चलते सरकारी खजाने में ग्रहण लगा गया है। मौजूदा समय में टैक्सी मैक्सी गाड़ियाँ खड़ीं है क्योंकि इनके पास कोई काम नहीं है। लॉक डाउन के चलते राज्य में सब कुछ बंद हैं। वैसे यह टैक्सी मैक्सी गाड़ियां अक्सर चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन में अच्छी खासी कमाई कर लेते थे लेकिन इस बार इनकी हालत ठीक नहीं है। बोझ बढ़ता ही जा रहा है। लगभग 1600 रुपये रोड टैक्स देना पड़ता है। इसके साथ ही हर 6 महीने या 1 साल में फिटनेस टेस्ट चेकअप भी कराना होता है, उसके अलग से पैसे जाते हैं। इस समय आर्थिक व मानसिक परेशानियों से सभी वाहन स्वामी गुजर रहे हैं इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से गुजारिश की है कि इनके वाहनों की बैंक एमआई, टैक्स, इंश्योरेंस में लगभग 1 साल के लिए छूट दी जाए। वहीं फिटनेस चेकअप को निःशुल्क किया जाए।

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