चमड़े की ‘चप्पल’ को भौगोलिक संकेतक (जीआई) के तहत रजिस्टर्ड किया गया

नई दिल्ली । चंबा के जटिल कढ़ाई वाले चमड़े की ‘चप्पल’ को भौगोलिक संकेतक (जीआई) के तहत रजिस्टर्ड किया गया है, जो देश में कहीं और इसकी सस्ती नकल को रोकने में मदद करेगा।सुनहरे और रंगीन कढ़ाई से सजी चंबा की चप्पलें चंबा शहर के कारीगरों द्वारा बनाई जाती हैं। जीआई टैग प्राप्त करने की औपचारिकताएं हिमाचल प्रदेश पेटेंट सूचना केंद्र, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्टे) और अंबेडकर मिशन सोसायटी, चंबा द्वारा निर्माताओं/उत्पादकों की ओर से संयुक्त रूप से की गईं।जीआई टैग मिलने से शिल्पकारों को आर्थिक रूप से लाभ होगा और उन्हें अपने उत्पाद, विशेष रूप से विदेशों में बाजार में मदद करने में काफी मदद मिलेगी, क्योंकि जीआई टैग उत्पाद की प्रामाणिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।जीआई टैग को भौगोलिक संकेतक (जीआई) ऑफ गुड्स एक्ट, 1999 के तहत रजिस्ट्रार, भौगोलिक संकेतक से दिया गया है। इसके साथ, हिमाचल से जीआई टैग प्राप्त करने वाले उत्पादों की कुल संख्या नौ हो गई है। इसमें लाहौल के बुना हुआ मोजे और दस्ताने, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, चंबा रुमाल, किन्नौर का शॉल, कांगड़ा पेंटिंग, ‘चुल्ली तेल’ और ‘काला जीरा’ शामिल हैं।

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