आई.आई.एम. काशीपुर का 7वां दीक्षांत समारोह आयोजित

 

काशीपुर/देहरादून, । राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने गुरूवार को भारतीय प्रबन्धन संस्थान काशीपुर के 7वें दीक्षांत समारोह प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि शिक्षा के विभिन्न उद्देश्य हैं। परन्तु कैरियर बनाना, बहु-राष्ट्रीय कम्पनियों में बड़े-बड़े पदों पर आसीन होना ही शिक्षा का एक मात्र उद्देश्य नहीं होना चाहिए। आई.आई.एम जैसे संस्थानों को समाज के लिए उपयोगी शोध एवं अनुसंधान कार्यों को भी प्रोत्साहित करना होगा।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड अवसरों की भूमि है। यहां अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान हैं। इस राज्य में गुणवत्तायुक्त मानव संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य की विकास दर अच्छी है। यहाँ हाई क्वालिटी का रॉ मैटीरियल उपलब्ध है। आई.आई.एम जैसे संस्थानों की विशेषज्ञता से राज्य बड़े लक्ष्य हासिल कर सकता है। राज्यपाल ने पंतनगर विश्वविद्यालय के तकनीकी और आई.आई.एम की प्रबंधन क्षमता के समन्वित प्रयासों से कृषि के क्षेत्र में नए बिजनेस मॉडल विकसित करने पर बल दिया। राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि आई.आई.एम काशीपुर में कृषि व कृषक कल्याण के लिए एग्रो-बिजनेस सहायक केन्द्र की स्थापना की मंजूरी मिली है। देश में ऐसे मात्र 24 केन्द्र हैं। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने उत्तराखण्ड के पर्वतीय कृषि और उद्यान के उत्पाद और जड़ी-बूटियाँ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जड़ी-बूटिर्यों के वैज्ञानिक उत्पादन और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के समग्र प्रबन्धन की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि ‘‘कैम्पस प्लेसमेंट में महिलाओं को अवसरों की समानता सुनिश्चित करना पहला कदम है। इसके उपरांत कम्पनी में उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो, उन्हें डिसीजन मेकिंग प्रणाली में बराबरी का हक मिले यह भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। स्त्री और पुरूष कार्मिकों में भेद नहीं होना चाहिए। ’’
आई.आई.एम काशीपुर द्वारा विद्यार्थियों में सामाजिक संवेदनशीलता को विकसित करने के प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संस्थान द्वारा ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया जा रहा है। मैनेजमेण्ट विद्यार्थियों को स्थानीय समस्याओं के इनोवेटिव समाधान पर कार्य करना चाहिए। विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संस्थान प्रयास करें कि आवश्यकता की बिजली और पानी का बड़ा भाग सोलर पावर और रेनवाटर प्लांट से पूरा हो जाए। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि एक खुशहाल, समृद्ध भारत के निर्माण का लक्ष्य ही विद्यार्थियों का लक्ष्य होना चाहिए। देश को न केवल स्मार्ट और क्षमतावान प्रबन्धकों की जरूरत है, बल्कि ऐसे नेतृत्व की भी आवश्यकता है जो राष्ट्र की प्रगति के संवाहक बन सके। उन्हांने पोस्ट ग्रेजुवेट प्रोग्राम के टापर हर्षवर्धन झा को गोल्ड मेडल, काशी वेंकटेश को सिल्वर मेडल, रोहन सेन गुप्ता और मुर्शीद आलम को ब्रांज मेडल देकर सम्मानित किया। ईपीजी के टापर दिनेश भारद्वाज को गोल्ड व प्रदीप चोपडा को सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया। इस अवसर आईआईएम के निदेशक डा0 केएन बधानी द्वारा संस्थान मे किये जा रहे कार्यो व संस्थान की गतिविधियो पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *