कण्वाश्रम में सम्राट भरत के जीवन से रूबरू हो सकेंगे सैलानी

देहरादून : पौड़ी गढ़वाल के प्रवेशद्वार कोटद्वार से महज 10 किमी के फासले पर उपेक्षित पड़ी पौराणिक स्थली कण्वाश्रम अब जल्द ही पुरातन आकार लेगी। राज्य सरकार की पहल पर एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने इसके जीर्णोद्धार के लिए 15.90 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। इससे कण्वाश्रम में न सिर्फ झील का निर्माण होगा, बल्कि वहां संग्रहालय के साथ ही मूर्तियों की श्रृंखला के जरिये महर्षि कण्व के आश्रम से लेकर चक्रवर्ती सम्राट भरत के जन्म और उनके सम्राट बनने तक के सफर से सैलानी रूबरू हो सकेंगे।

महर्षि कण्व की तपस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली के रूप में पहचान रखने वाला कण्वाश्रम अब तक सैलानियों की निगाहों से दूर ही रहा है। यूं कहें कि सरकारी स्तर से इसके लिए गंभीरता से प्रयास नहीं हुए।

हालांकि, आजादी के बाद अविभाजित उप्र में 1960 के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने इस स्थली के पुनर्निर्माण की नींव रखी थी, लेकिन थोड़ा-बहुत कार्य होने के बाद इसे उपेक्षित छोड़ दिया गया।

उत्तराखंड बनने के बाद इस स्थली के पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होने की उम्मीद जगी। सरकारों ने रुचि तो दिखाई, मगर गंभीरता से प्रयास नहीं हुए। लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने कण्वाश्रम को पौराणिक स्वरूप में विकसित करने के मद्देनजर डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर यह प्रस्ताव एडीबी को भेजा गया, जिसे एडीबी ने मंजूरी भी दे दी। अब न सिर्फ कण्वाश्रम के दिन बहुरने की उम्मीद जगी है, बल्कि यह देश-विदेश के सैलानियों के आकर्षण का केंद्र भी बनेगा।

पर्यटन विकास परिषद के अपर कार्यक्रम निदेशक पुरुषोत्तम के मुुताबिक एडीबी ने विभिन्न कार्यों के लिए 22 करोड़ की राशि मंजूर की है। इसमें से 15.90 करोड़ कण्वाश्रम के विकास पर खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट में आधुनिकता के साथ कण्वाश्रम के पौराणिक स्वरूप को बरकरार रखा जाएगा। मालनी नदी के किनारे इस स्थली में करीब तीन हेक्टेयर में कई कार्य होंगे। कण्वाश्रम में मालनी नदी में झील भी तैयार की जाएगी, जो सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगी।

पर्यटन ग्राम बनेंगे टिहरी के 10 गांव

पर्यटन विकास परिषद के अपर कार्यक्रम निदेशक पुरुषोत्तम ने बताया कि शेष 6.10 करोड़ की राशि से टिहरी जिले में टूरिस्ट सेंटर की स्थापना के साथ ही 10 गांवों को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। टूरिस्ट सेंटर तैयार हो चुका है।

सतपुली में नयार पर बनेगी झील

कोटद्वार-पौड़ी मार्ग पर स्थित सतपुली कस्बे में नयार नदी पर झील के निर्माण का प्रस्ताव भी है। मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल इस योजना के लिए पर्यटन विकास परिषद के स्तर पर कसरत चल रही है।

मील का पत्थर साबित होगी योजना 

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक भारत के नामदेय चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम को पुरातन वास्तु के हिसाब से विकसित किया जाएगा। इसके लिए एडीबी से धनराशि मंजूर हो गई है। जल्द ही यह स्थली एक बड़े पर्यटक स्थल के रूप में उभरेगी, जो कोटद्वार क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।

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