अब जंक फूड को कहना होगा बाय-बाय, नहीं माने तो भरना होगा हर्जाना
देहरादून : उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जंक फूड को हानिकारक मानते हुए स्कूल कैंटीन और स्कूल के 200 मीटर दायरे में जंक फूड परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस संबंध में मुख्य सचिव को आदेश जारी किए हैं।
आयोग ने फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जंक फूड के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। यह भी पाया है कि हॉस्टलों में रह रहे बच्चे पोषणयुक्त खाने के बजाय जंक फूड पर निर्भर रहते हैं। स्कूल कैंटीनों और आसपास की जंक फूड की दुकानों में भी लाभ के लिए बच्चों को कुपोषणयुक्त खाद्य पदार्थ परोसे जा रहे हैं। आयोग ने रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए यह कड़ा कदम उठाया है।
80 फीसद बीमारी का कारण जंक फूड
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया का गठन किया था। कमेटी की रिपोर्ट में यह पाया गया कि स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का स्वास्थ्य खराब होने के करीब 80 फीसद मामले जंक फूड के सेवन से होते हैं।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने बताया कि आयोग ने प्रदेश के सभी स्कूलों में और स्कूलों के आसपास जंक फूड बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब अगर किसी स्कूल कैंटीन और 200 मीटर दायरे में जंक फूड बेचा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।