जाट-दलित गठबंधन कांग्रेस व भाजपा के लिए बना सिरदर्द

राजस्थान। राजस्थान के निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल की रैलियों ने यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की नींद उड़ा दी है। हनुमान बेनीवाल की रैलियों में शामिल हो रही भीड़ और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के संभावित समर्थन को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा के नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है।
बेनीवाल ने जाट और दलित समाज को एकजुट करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत जाट समाज को वे स्वयं एकजुट करने में जुटे है, वहीं दलित समाज को साथ लेने के लिए गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी से सम्पर्क साधा है।
मेवाणी ने पिछले एक माह में राजस्थान में आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर अपनी सक्रियता का संदेश दिया है। बेनीवाल ने कांग्रेस और भाजपा में उपेक्षित दलित नेताओं से भी सम्पर्क साधा है। जाट और दलित वोट बैंक को साथ लाने का बेनीवाल का मकसद भाजपा और कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकता है। बेनीवाल का मकसद खुद को प्रदेश का प्रभावी जाट-किसान नेता के रूप में स्थापित करना है।

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