जेल ब्रेक कांड : सिमी आतंकियों पर नजर रखने वाले चार कैमरे बंद थे
भोपाल। पिछले साल 30-31 अक्टूबर की दरम्यानी रात भोपाल सेंट्रल जेल से फरार सिमी के आठ आतंकियों के एनकाउंटर को जस्टिस एसके पांडे की जांच में परिस्थितियों के हवाले से सही ठहराया गया है। साथ ही जेल की व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल खड़े हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिमी आतंकियों पर नजर रखने वाले चार कैमरे बंद थे। क्षमता से कहीं ज्यादा कैदी जेल में थे। जस्टिस पांडे ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब सामान्य प्रशासन विभाग इसे विधानसभा के पटल पर रखेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना के कुछ दिन बाद न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।
मुख्यमंत्री सचिवालय और सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जस्टिस पांडे द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने की पुष्टि की है। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में ग्रामीणों के बयान, मनीखेड़ा गांव में ग्रामीणों के बयान और परिस्थितियां के हवाले से एनकाउंटर सही ठहराया गया।
साथ ही कहा गया कि सिमी आतंकियों के जेल में होने पर जैसी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए थी, वो नहीं थी। सीसीटीवी कैमरे करीब डेढ़ माह पहले से काम नहीं कर रहे थे। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट को अब विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।